Move to Jagran APP

सीएम योगी को उपलब्धियों की फर्जी रिपोर्ट देने वाले थे अधिकारी

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गुमराह करने के लिए उपलब्धियों की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर ली थी। ऐन मौके पर सांसद और विधायको ने पकड़ लिया।

By Edited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 02:25 PM (IST)
सीएम योगी को उपलब्धियों की फर्जी रिपोर्ट देने वाले थे अधिकारी
सीएम योगी को उपलब्धियों की फर्जी रिपोर्ट देने वाले थे अधिकारी

गोरखपुर, (जेएनएन)। सिद्धार्थनगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित आगमन से पूर्व सिद्धार्थनगर जिले के प्रभारी मंत्री व सूबे के खेल मंत्री चेतन चौहान ने विकास कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री भी जिले की समीक्षा करेंगे। उनके लिए तैयार की गई समीक्षा बुकलेट में सभी बिंदुओं पर जिले की स्थिति बेहतर बताई गई है, पर विधायकों ने उस पर आपत्ति जताई है।

loksabha election banner

विधायकों ने रिपोर्ट को फर्जी बताया
विधायकों का आरोप है कि प्रशासन ने कागज में रिपोर्ट बेहतर तैयार कर दिया है और धरातल पर स्थिति दयनीय है। नीति आयोग से संबंधित 48 बिंदुओं में सभी की इंट्रीग्रेटेड रिपोर्ट बेहतर मिली है जबकि जिले की हालत खराब है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतर बताई जा रही है और मौके पर कभी चिकित्सक नहीं मिलते तो कभी एएनएम गायब बताई जाती हैं। सेंटरों का औचक निरीक्षण नहीं होता है और रिपोर्ट में सब कुछ ठीक है। इसके अलावा अधिशासी अभियंता विद्युत पर भी नाराजगी जाहिर की गई। विधायकों ने कहा कि स्थिति में सुधार न हुआ तो आगे कार्रवाई होगी।

कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि 31 मार्च से जिला देश के अति पिछड़े जिलों में चयनित है। तब से विभिन्न सेवाओं में सुधार हुआ है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला एवं अर्थ संख्याअधिकारी राजेश ¨सह ने नीति आयोग से संबंधित 49 बिंदुओं में से एक-एक को पढ़ना शुरू किया। बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण पर स्टेट मानक 65 फीसद का है। हम 64 फीसद पर पहुंच चुके हैं। अभियान से पूर्व हम 55 फीसद पर थे। यह परिवर्तन तब आया, जब स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण आदि पर ध्यान दिया गया। इसके लिए जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू द्वारा प्रत्येक विकास खंड क्षेत्रों में एक-एक जनपद स्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

सांसद ने कहा, पर क्‍यों रिक्‍त हैं
इनके कार्याें के विषय में पूछा गया तो मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर ने बताया कि यह अभी फील्ड में नहीं जा सके हैं। सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि इनकी कोई रिपोर्ट मिली है अथवा नहीं। सीएमओ डा. आरके मिश्र ने बताया कि इन्हें नियुक्त हुए अभी सिर्फ 15 दिन हुए हैं। ऐसे में इनके द्वारा कोई रिपोर्ट अभी नहीं दी गई है। साथ ही सीएमओ ने अपनी मजबूरी भी बताया कि वह लेवल चार के अधिकारी हैं और उस संवर्ग के जिले में चार पद रिक्त हैं। जिले में 13 डिप्टी सीएमओ के पद रिक्त हैं। सांसद ने कहा कि यह जिला पिछड़े जनपदों में चयनित है तो यहां सभी पद भरे क्यों नहीं जा रहे हैं। एएमसी रजिस्ट्रेशन में जिले का 67 प्वाइंट है। स्टेट मानक 76 व नेशनल मानक 98 है। देखना पड़ेगा डाक्टर भाग तो नहीं गए इटवा विधायक डा.सतीश द्विवेदी ने आपत्ति जताई कि ऐसी स्थिति जनपद की क्यों है? बुकलेट बेहतर तैयार होती है और धरातल पर स्थिति दयनीय है। सीएमओ से इटवा विधायक ने पूछा कि बिस्कोहर में डाक्टर की तैनाती है क्या? सीएमओ ने बताया कि तैनाती है। इटवा विधायक ने कहा कि बुधवार तक तो डाक्टर नहीं थे। सीएमओ ने कहा कि डाक्टर तैनात हैं। भाग गए हों तो नहीं बता पाऊंगा।

नहीं मिलती मीटिंग से पूर्व बुकलेट
सांसद ने कहा कि वह विभागीय अधिकारी नहीं हैं जो बुकलेट देखते ही सभी डाटा जान जाएंगे। ऐसे में मी¨टग से कम से कम दो से तीन दिन पूर्व उन्हें व अन्य जन प्रतिनिधियों को बुकलेट उपलब्ध करा दी जाए। ताकि हर कोई जान सके कि बुकलेट की वास्तविकता क्या है? डीएसटीओ ने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट प्रत्येक माह की 15 तारीख को तैयार होती है। 20 तारीख को रिपोर्ट भेजी जाती है। प्रभारी मंत्री ने पूछा कि नीति आयोग के अलावा अन्य ¨बदुओं की बुकलेट तो पूर्व में ही तैयार होती होगी। उसे पहले उपलब्ध कराया जा सकता है।डीएसटीओ ने बताया कि वह आगे से इस पर ध्यान देंगे।

गर्भवती महिलाओं को नहीं मिलता पोषाहार
बुकलेट के आधार पर बताया गया कि गर्भवती महिलाओं को पोषाहार नहीं मिला है। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव कुमार से इसके विषय में पूछा गया तो जानकारी मिली कि तीन माह से पोषाहार आया ही नहीं है। स्टेट से ही पोषाहार नहीं मिल रहा है। पोषाहार की लोकल स्तर पर खरीदारी नहीं हो सकती है। आबकारी मंत्री जय प्रताप ¨सह ने सीएमओ से एएनएम सेंटरों के विषय में जानकारी ली। सीएमओ ने बताया कि जिले में 267 एएनएम सेंटर हैं। इसमें से 166 अच्छी हालत में हैं। फिर पुरानी कार्रवाई का किया जिक्र मीटिंग में लिंगानुपात पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि जिले में यह अनुपात 897 का है। पूर्व में 889 का था। बताया गया कि सिर्फ आठ अंक का सुधार हुआ है।

जिले के दो अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कार्रवाई का जिक्र किया गया। ऐसे में बताना प्रासंगिक है कि यह कार्रवाई तीन माह पूर्व लखनऊ की टीम ने की थी। पिछली तीन समीक्षा बैठकों में इस कार्रवाई का जिक्र है। मी¨टग के दौरान ही सदर विधायक श्याम धनी राही ने कहा कि यहां तमाम निजी अस्पताल बिना डाक्टरों के चलते हैं। उन्होंने जिला मुख्यालय के बांसी रोड स्थित व मोहाना बाजार स्थित कुछ अस्पतालों का जिक्र भी किया और यह भी कहा कि जिले में एक सरकारी चिकित्सक अपनी पत्नी का अस्पताल चलाते हैं। सदर विधायक ने कहा कि जिला चिकित्सालय के एक चिकित्सक का आचरण ठीक नहीं है। उन पर कार्रवाई के लिए कहा था, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

सांसद ने कहा, जिले की स्थिति दयनीय
सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि जिले की स्थिति दयनीय है। जिला चिकित्सालय में एक चिकित्सक की लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई। अपर जिलाधिकारी ने इसकी जांच की। बावजूद इसके जिलाधिकारी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। जिलाधिकारी ने बताया कि अभी उसकी रिपोर्ट उन्हें नहीं मिल सकी है। यह रहे मौजूद मीटिंग में शोहरतगढ़ विधायक चौधरी अमर सिंह, पुलिस अधीक्षक डा.धर्मवीर सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रमोद शंकर शुक्ल, डीएफओ वीके मिश्र, भाजपा जिलाध्यक्ष लाल जी त्रिपाठी, उपजिलाधिकारी सदर सौम्या पाण्डेय, डीसी मनरेगा उमेश चन्द्र तिवारी, बीएसए राम सिंह, पूर्ति अधिकारी कुंवर दिनेश प्रताप सिंह, एआरटीओ प्रवेश कुमार सरोज, एक्सियन जलनिगम केशव लाल, आबकारी अधिकारी आरपी सिंह आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.