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ब्रह्मचारिणी की आराधना के साथ योगी आदित्यनाथ ने किया देव-विग्रहों का पूजन, गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में हुई है कलश स्थापना

मुख्यमंत्री ने नवरात्र की प्रतिपदा पर गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना के बाद दूसरे दिन गौरी-गणेश की आराधना के साथ देव-विग्रहों का पूजन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में शाम को देवी आराधना मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के हाथों सम्पन्न हुई।

By JagranEdited By: Pragati ChandPublished: Wed, 28 Sep 2022 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 12:24 PM (IST)
ब्रह्मचारिणी की आराधना के साथ योगी आदित्यनाथ ने किया देव-विग्रहों का पूजन, गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में हुई है कलश स्थापना
मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में शाम को गोरखनाथ मंदिर में पूजा करते प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ। -जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नवरात्र की प्रतिपदा को दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना करने के बाद मंगलवार की सुबह मां भगवती के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उसके बाद वह लखनऊ के लिए रवाना हुए।

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मुख्यमंत्री ने गौरी-गणेश की आराधना के साथ किया पूजन

सुबह करीब दो घंटे तक चली पूजा में मुख्यमंत्री ने गौरी-गणेश की आराधना के साथ सभी देव-विग्रहों का षोडषोचार भी पूजन किया। मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में मंगलवार की शाम देवी आराधना मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के हाथों सम्पन्न हुई। शाम का अनुष्ठान सम्पन्न होने के बाद शक्तिपीठ के गर्भगृह में श्रीमद्देवीभागवत और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी हुआ। दोनों पूजन सत्रों में आरती और क्षमा प्रार्थना के बाद प्रसाद का वितरण हुआ। समस्त अनुष्ठान मंदिर के प्रधान पुरोहित पंडित रामानुज त्रिपाठी की देखरेख में सम्पन्न हुआ।

महंत अवेद्यनाथ की चरण पादुका का हुआ पूजन

शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन गोरखनाथ मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान के क्रम में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की चरण पादुका का पूजन किया गया। गुुरु श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के 151 वेदपाठी छात्रों ने पुरोहितों और आचार्यगण के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच चरण पादुका पूजन का अनुष्ठान पूर्ण किया। इस अवसर पर विद्यापीठ के प्राचार्य डा. अरविंद चतुर्वेदी, डा. रोहित मिश्र, पुरुषोत्तम चौबे, नित्यानंद, शशांक पांडेय, शुभम मिश्रा, विनय गौतम आदि मौजूद रहे।

अधिकारियों ने सुनी जनता की समस्या

मुख्यमंत्री के गोरखपुर आने की जानकारी मिलने के बाद मंगलवार की सुबह करीब 300 लोग अपनी समस्या उनसे कहने और समाधान सुनिश्चित करने के लिए गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे। नवरात्र को लेकर नाथ पंथ की परंपरा को निभाने के लिए मुख्यमंत्री अपने आवास से तो नहीं निकले लेकिन लोग निराश होकर न लौटें, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह एक-एक व्यक्ति का समस्या सुनकर समाधान सुनिश्चित करने की कोशिश करें। उनके निर्देश पर अधिकारियों लोगों की समस्या सुनी। लोगों को मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार परिसर में बैठाया गया था।


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