Pulwama Terror Attack : शहीद विजय के घर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ, बेटी को दुलारा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को देवरिया के भटनी के छपिया जयदेव पहुचे। परिजनों ने मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान शहीद की बेटी आराध्या को पास बुलाकर दुलार किया।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 12:27 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 12:31 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को देवरिया के भटनी के छपिया जयदेव पहुचे। शहीद विजय मौर्य के चित्र पर पुष्पांजलि करने के बाद परिजनों ने मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया।
मुख्यमंत्री ने शहीद की बेटी आराध्या को पास बुलाकर दुलार किया। पत्नी विजय लक्ष्मी व पिता रामायण मौर्य से मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको जो यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है वह सभी को नहीं प्राप्त होता। कुछ को ही होता है। मृत्यु सबकी होनी है लेकिन देश के लिए बलिदान देना सौभाग्य की बात है। आपको गौरवान्वित होना चाहिए कि आपने ऐसे पुत्र को जन्म दिया। इसलिए हर व्यक्ति उनके सम्मान व्यक्त करने आपके यहां आ रहे हैं। पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आपके साथ है। परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलेगी। उसकी प्रक्रिया शीघ्र पूरा करने को डीएम को निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने डीएम को शासन द्वारा घोषित घोषणाओं शीघ्र समयबद्ध तरीके से कार्य करने को कहा। पिता ने बड़े बेटे अशोक के लिए नौकरी की मांग की। उन्होंने कहा देखा जाएगा। शहीद के घर के बाहर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी। आगे और भी जो होगा किया जाएगा।
पत्नी बोली, मुख्यमंत्री ने हमसे नहीं पूछा क्या है जरूरत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लौटते ही पत्नी विजय लक्ष्मी घर से बाहर आ गई। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री आए इसकी हमें खुशी है, लेकिन उन्होंने हमसे न तो बात की और नहीं हमारी जरूरत के बारे में ही कुछ पूछा इसका हमें दुख है। वे हमसे बात करते तो हम उन्हें मांग पत्र सौंपते। जब बात ही नहीं किए तो उनसे मांग क्या करूँ। अब हमारी जो समझ में आएगा करेंगे। मेरी बेटी के बारे में भी कुछ नहीं पूछा।
परिजनों ने सौंपा मुख्यमंत्री को पत्रक
शहीद के परिजनों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। जिसमें विजयलक्ष्मी को राज्य सेवा में योग्यता के अनुसार सम्मानपूर्ण पद पर नियुक्त करने, शहीद को एक करोड़ की आर्थिक सहायता देने, शहीद के पिता को पेट्रोल पंप देने, शहीद की विधवा भाभी दुर्गावती पत्नी स्वर्गीय कृष्ण कुमार मौर्य को पूर्व माध्यमिक विद्यालय छपिया जयदेव में अनुचर के पद पर नियुक्त करने, शहीद विजय द्वारा बैंक से लिए गए नौ लाख के लोन को माफ करने, शहीद के नाम पर स्टेडियम, विजय स्मारक बनवाने, छपिया जयदेव नाम बदलकर शहीद विजयनगर करने की मांग शामिल है।
मुख्यमंत्री ने शहीद की बेटी आराध्या को पास बुलाकर दुलार किया। पत्नी विजय लक्ष्मी व पिता रामायण मौर्य से मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको जो यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है वह सभी को नहीं प्राप्त होता। कुछ को ही होता है। मृत्यु सबकी होनी है लेकिन देश के लिए बलिदान देना सौभाग्य की बात है। आपको गौरवान्वित होना चाहिए कि आपने ऐसे पुत्र को जन्म दिया। इसलिए हर व्यक्ति उनके सम्मान व्यक्त करने आपके यहां आ रहे हैं। पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आपके साथ है। परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलेगी। उसकी प्रक्रिया शीघ्र पूरा करने को डीएम को निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने डीएम को शासन द्वारा घोषित घोषणाओं शीघ्र समयबद्ध तरीके से कार्य करने को कहा। पिता ने बड़े बेटे अशोक के लिए नौकरी की मांग की। उन्होंने कहा देखा जाएगा। शहीद के घर के बाहर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी। आगे और भी जो होगा किया जाएगा।
पत्नी बोली, मुख्यमंत्री ने हमसे नहीं पूछा क्या है जरूरत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लौटते ही पत्नी विजय लक्ष्मी घर से बाहर आ गई। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री आए इसकी हमें खुशी है, लेकिन उन्होंने हमसे न तो बात की और नहीं हमारी जरूरत के बारे में ही कुछ पूछा इसका हमें दुख है। वे हमसे बात करते तो हम उन्हें मांग पत्र सौंपते। जब बात ही नहीं किए तो उनसे मांग क्या करूँ। अब हमारी जो समझ में आएगा करेंगे। मेरी बेटी के बारे में भी कुछ नहीं पूछा।
परिजनों ने सौंपा मुख्यमंत्री को पत्रक
शहीद के परिजनों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। जिसमें विजयलक्ष्मी को राज्य सेवा में योग्यता के अनुसार सम्मानपूर्ण पद पर नियुक्त करने, शहीद को एक करोड़ की आर्थिक सहायता देने, शहीद के पिता को पेट्रोल पंप देने, शहीद की विधवा भाभी दुर्गावती पत्नी स्वर्गीय कृष्ण कुमार मौर्य को पूर्व माध्यमिक विद्यालय छपिया जयदेव में अनुचर के पद पर नियुक्त करने, शहीद विजय द्वारा बैंक से लिए गए नौ लाख के लोन को माफ करने, शहीद के नाम पर स्टेडियम, विजय स्मारक बनवाने, छपिया जयदेव नाम बदलकर शहीद विजयनगर करने की मांग शामिल है।
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