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सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, राम मंदिर निर्माण से दुनिया में बढ़ेगा भारत का गौरव

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से दुनिया में भारत का गौरव बढ़ेगा। वह गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह में बोल रहे थे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 08:01 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 06:48 PM (IST)
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, राम मंदिर निर्माण से दुनिया में बढ़ेगा भारत का गौरव
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, राम मंदिर निर्माण से दुनिया में बढ़ेगा भारत का गौरव

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह के तहत आयोजित श्रीराकथा ज्ञानयज्ञ के समापन अवसर पर कहा कि राम मंदिर निर्माण भारत के स्वाभिमान, सम्मान और गौरव को दुनिया के सामने रखने का अवसर दे रहा है।

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उन्होंने कहा कि 492 वर्षों बाद जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर निर्माण एक नए युग की शुरुआत है। यह मंदिर भारत की यश व कीर्ति को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का सशक्त माध्यम बनेगा। इस यश और कीर्ति की पताका को दुनिया भर में फहराने के लिए ही महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ ने अपने जीवन का ध्येय रामजन्मभूमि मुक्ति को बनाया था।

कोरोना काल में छह लाख लोगों तक पहुंची रामकथा

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पुण्यतिथि समारोह के अवसर पर बीते वर्षों में भी श्रीरामकथा का आयोजन होता रहा है लेकिन तब कथा स्थल पर मौजूद लोग ही इसे सुन पाते थे।

कहा कि कोरोना काल में तकनीक के इस्तेमाल से इसे छह लाख लोगों ने देखा और सुना। यह चुनौती में अवसर तलाशने का विषय है। प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि कोई चुनौती आए तो यह मानना चाहिए कि बहुत जल्द कुछ अच्छे कार्य भी होने वाले हैं। अच्छे कार्य की शुरुआत में कई बार बड़ी-बड़ी बाधाएं आती हैं। इससे निराश होने की जरूरत नहीं।

श्रीराम के श्रीचरणों में होती है संसार की शरणागति : राघवाचार्य

पुण्यतिथि समारोह के तहत आयोजित श्रीरामकथा ज्ञानयज्ञ के अंतिम दिन कथाव्यास राघवाचार्य ने कहा कि रामनाम का संकीर्तन करने से अंतःकरण के समस्त पाप धुल जाते हैं। संपूर्ण संसार की शरणागति भगवान के श्री चरणों में ही होती है, इसके लिए जीवन के हर पल में यत्न करते रहना चाहिए। भगवान की प्राप्ति को छोड़ कर जीव के लिए कोई और गति नहीं है।

उन्होंने कहा कि लोक में यश व कीर्ति की प्राप्ति के लिए अपने शक्ति के अनुकूल व्यक्ति को शास्त्रीय वैदिक व्यवस्था का समादर करते हुए धर्म का पालन करना चाहिए। सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं होता, हमेशा सत्य का आचरण करते रहना चाहिए। भगवान श्री राम का चरित्र इसी आदर्श की स्थापना करता है। कथा का सजीव प्रसारण गोरखनाथ मन्दिर के फेसबुक पेज एवं यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया।

अखण्ड मानस पाठ की पूर्णाहुति आज

उधर मंदिर में 48 घंटे का अखंड रामचरितमानस का पाठ गोरखनाथ मंदिर में 4 सितंबर से चल रहा है। रविवार को 12 बजे उसकी पूर्णाहुति होगी। संपूर्ण रामायण पाठ कार्यक्रम का संयोजन गौतम पाठक एवं नित्यानंद त्रिपाठी ने किया।


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