Lockdown in Gorakhpur : सीएम को हुई जानकारी, मना किया तो वापस हो गए पांच सौ रुपये Gorakhpur News
नगर निगम के सफाईकर्मियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने वेतन से पांच सौ रुपये दिया था। मुख्यमंत्री यह पैसा लेने से मना कर दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री राहत कोष में स्थायी सफाईकर्मियों के रुपये नहीं जमा किए जाएंगे। कोरोना से लडऩे के लिए नगर निगम के सफाईकर्मियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पांच-पांच सौ रुपये देने का ऐलान किया था। मार्च की तनख्वाह से रुपये काटकर राहत कोष में डालने की सूचना बैंक को भी दे दी गई थी लेकिन मुख्यमंत्री के मना करने के बाद सफाईकर्मियों की तनख्वाह फिर से बनाई जा रही है।
सफाईकर्मियों ने सीएम राहत कोष में पांच सौ देने का लिया था निर्णय
नगर निगम के अफसरों और कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की थी। नगर निगम के स्थायी सफाईकर्मियों ने अपने वेतन से पांच सौ रुपये दिया था। इस आधार पर नगर निगम ने सभी का वेतन भी तैयार कर लिया था। नगर निगम में स्थायी सफाईकर्मियों की संख्या 480 है।
आउटसोर्सिंग वालों के लिए मिले 2.3 करोड़ रुपये
नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर 2156 सफाईकर्मी काम करते हैं। इन सफाईकर्मियों के मानदेय के लिए नगर निगम प्रशासन ने 2.30 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। सफाईकर्मियों की तैनाती शहरी आजीविका केंद्र (सीएलसी) के माध्यम से हुई है।
मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देंगे राज्य कर्मचारी
शिक्षा विभाग के राज्य कर्मचारियों के संगठन यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफिसर्स एसोसिएशन उप्र के प्रांतीय कार्यकारिणी द्वारा शिक्षा विभाग (माध्यमिक/बेसिक शिक्षा) में कार्यरत लगभग छह हजार राजकीय कर्मचारी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। संगठन की तरफ से कहा गया है कि राहत कोष के लिए कर्मियों का एक दिन का वेतन कोषागार से ही भुगतान के पूर्व काटकर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया जाए। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विवेक यादव व प्रदेश महामंत्री राजेश श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग प्रदेश के कर्मचारियों के मार्च के वेतन से एक दिन का वेतन कटौती करने का अनुरोध किया है। यह धनराशि लगभग एक करोड़ रुपये होगी।
विकास भारती ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 21 लाख
आवासीय विद्यालय विकास भारती स्कूल ने कोरोना से जंग में मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 लाख रुपये दिए। विद्यालय के चेयरमैन नीरज मातनहेलिया, सचिव श्यामबिहारी अग्रवाल, वरिष्ठ सदस्य ओम प्रकाश जालान एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य डा.एके पांडेय ने राहत कोष के लिए जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन को 21 लाख रुपये का चेक सौंपा। प्रधानाचार्य ने कहा कि विकास भारती स्कूल हमेशा संस्कार सहित शिक्षा को महत्व देता है और अपने बच्चों को भी जरूरतमंदों की सहायता के लिए प्रेरित करता रहता है।
सिद्धार्थ एंक्लेव ने दिए 26810
कोरोना से जंग में शैक्षिक संस्था, स्वयंसेवी संस्था व आवासीय कालोनियों की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में सहयोग राशि दी जा रही है। जनकल्याण समिति सिद्धार्थ एंक्लेव विस्तार तारामंडल ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 26810 रुपये जमा किए। सहयोग करने वाले विशाल सिंह, विवेक सिंह, डॉ. डीके मिश्रा, जितेंद्र सिंह, लाल, गुड्डू ओझा, पवन, सुभाष त्रिपाठी, प्रदीप गौड़, मनोज, कृष्ण मुरारी, लालजी सिंह व राजेंद्र ने बताया कि आगे भी जरूरत पडऩे पर मदद की जाएगी।
पंचायती राज विभाग के अफसरों व कर्मचारियों ने दिया एक दिन का वेतन
पंचायती राज विभाग के अफसरों व कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। विभाग के उप निदेशक समेत जिला पंचायती राज अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों ने 2.30 लाख रुपये कोषागार के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया है। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ने बताया कि शुक्रवार को 169 कर्मचारियों व अधिकारियों ने अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है।