पीएफ के लिए ऑनलाइन क्लेम करें, तत्काल हल होंगी समस्याएं
पीएफ निकालने के लिए किसी भी कर्मचारी को अब पीएफ कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन आवेदन करने से पीएफ की राशि सीधे खाते में आ जाएगी।
गोरखपुर, (जेएनएन) : दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'प्रश्न पहर' में ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) के सहायक आयुक्त मनीष मणि ने जनता के सवालों का जवाब दिया। लोगों की समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन देते हुए उन्होंने बताया कि अब ऑनलाइन क्लेम करने की व्यवस्था हो गई है। ऑनलाइन क्लेम करें, तत्काल समस्याएं हल हो जाएंगी। इसके लिए जरूरी है कि यूएएन से मोबाइल नंबर व आधार नंबर लिंक होना चाहिए, जिनका लिंक नहीं है, वे अपने नियोक्ता से संपर्क कर इसे लिंक करा लें।
कुशीनगर के रामायण चौबे ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद 1554 रुपये पेंशन लगी लेकिन इसके बाद इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। सहायक आयुक्त ने कहा कि ईपीएफ में ऐसी कोई व्यवस्था अभी तक नहीं है। चौसा, बस्ती के विवेक कुमार तिवारी ने कहा कि पिताजी मिल में कार्य करते थे, उनका निधन हो गया है, मैं माताजी के नाम से पेंशन करवाना चाहता हूं, चार माह से दौड़ रहा हूं लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं। सहायक आयुक्त ईपीएफ ने उनका पीपीओ नंबर लेने के साथ ही उन्हें सभी डाक्यूमेंट के साथ कार्यालय बुलाया।
गोंडा के डीएन तिवारी ने पेंशन कम मिलने की शिकायत की। सिंचाई विभाग के सुरेंद्र नाथ सिंह ने ईपीएफ खाते में जन्मतिथि गलत होने, रामनगीना सिंह ने ईपीएफ से लोन लेने, संजय कुमार दूबे ने ब्याज नहीं लगने, अतुल कुमार ने पिता के नाम में संशोधन कराने, राकेश यादव ने नाम सही कराने, अखिलेश कुमार पांडेय ने बंगलौर से ईपीएफ का पैसा नहीं मिलने, अवधेश पांडेय ने कंपनी द्वारा पैसा न जमा करने, देवेंद्र प्रसाद व श्याम विभोर ने होमागार्ड्स का पीएफ न कटने आदि की समस्याएं उठाईं। नारायण सिंह, जंग बहादुर सिंह, सुरेंद्रनाथ पांडेय, सतीश चंद, सत्येंद्र तिवारी, बुद्धेश्वर कन्नौजिया, रामनरेश सिंह, डी. मिश्रा, हरिशंकर अग्रवाल, कामेश्वर राय, रामनरेश, फैज आलम, सुभाष प्रसाद व अशोक तिवारी ने ईपीएफ फंड व पेंशन से संबंधित समस्याएं उठाईं।
फंड का पैसा नहीं मिला
रामकृष्ण विश्वकर्मा ने कहा कि रोडवेज में उनकी पोस्टिंग 1977 में कानपुर में हुई थी। इसके बाद वह 1991 में गोरखपुर आ गए। दिसंबर 2016 में सेवानिवृत्त हुए। गोरखपुर का अंशदान तो मिल गया लेकिन कानपुर में सेवा के दौरान वेतन से कटा पैसा आज तक नहीं मिला। इसके लिए वह गोरखपुर से लेकर कानपुर तक कई बार चक्कर लगा चुके हैं। सहायक भविष्य निधि आयुक्त मनीष मणि ने उनका दोनों जगह का खाता नंबर लिया और कहा कि इसकी जांच करवाते हैं और शीघ्र ही समस्या का समाधान निकल आएगा।
गायब हो गया तीन साल का रिकार्ड
कला सिंह, खलीलाबाद ने कहा कि मैं एक होटल में कार्य करता हूं। पीएफ कटता है लेकिन एक दिन इंटरनेट पर देखा तो तीन साल का कंट्रीब्यूशन दिख नहीं रहा था। ईपीएफ कार्यालय जाकर पता किया तो बताया गया कि तीन साल का रिकार्ड मिल नहीं रहा है। सहायक आयुक्त ने उन्हें आफिस बुलाया और कहा कि इसे गंभीरता से देखेंगे।
पेंशन बढ़ती नहीं है
मदन मोहन सिंह ने कहा कि 50 वर्ष की उम्र में उन्होंने पेंशन ले ली। 566 रुपये पेंशन बनी, लेकिन 58 वर्ष की उम्र के बाद वह बढ़ी नहीं। हालांकि जब सरकार ने न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन की तो पेंशन बढ़कर 887 रुपये हो गई। सहायक भविष्य निधि आयुक्त ने कहा कि जब आप 58 वर्ष के पहले पेंशन ले लेते हैं तो जितने वर्ष पहले लेते हैं, प्रतिवर्ष के हिसाब से चार फीसद घटाकर पेंशन फिक्स कर दी जाती है। यदि आपने दो साल पहले अर्थात 56 वर्ष की उम्र में पेंशन ले ली तो आठ प्रतिशत कम पेंशन आपको आजीवन मिलेगी। बीच में सरकार यदि बढ़ाती है तो उसमें भी इजाफा हो जाता है।
संविदा व ठेका कर्मचारियों को कवर किया जाए
नगर पालिका, बस्ती के सत्यदेव ने कहा कि हमारे यहां ठेका व संविदा के कर्मचारियों को भविष्य निधि में कवर नहीं किया गया है, जबकि ईपीएफ कार्यालय गोरखपुर से लोग आए भी थे और सभी का डाटा लेकर गए थे। यहां लगभग 7 संविदा कर्मी और लगभग डेढ़ सौ कर्मचारी ठेके पर कार्य करते हैं। सहायक आयुक्त भविष्य निधि ने कहा कि अभी हाल में सभी नगर पालिकाओं के साथ बैठक की थी, उन्हें स्पष्ट कर दिया गया था कि सरकार के निर्देशों का अनुपालन हर हाल में होना है, लोगों ने आश्वासन भी दिया था। इसकी जांच करवाएंगे और सभी कर्मचारी ईपीएफ में कवर किए जाएंगे।
खाता बंद होने के बाद तीन साल तक मिलता है ब्याज
संदीप सिंह ने कहा कि दो साल पहले मेरा ईपीएफ खाता बंद हो गया है, क्या बंद होने के बाद भी जमा धनराशि पर ब्याज मिलेगा। सहायक आयुक्त भविष्य निधि ने कहा कि खाता बंद होने के बाद तीन साल तक ब्याज मिलता है। आपको ब्याज मिलेगा, आप जब चाहें अपना पैसा निकाल सकते हैं।
यह भी जानें
सहायक आयुक्त भविष्य निधि मनीष मणि ने कहा कि यदि 58 वर्ष पर उपभोक्ता ने पेंशन नहीं ली तो उसे प्रति वर्ष के हिसाब से चार प्रतिशत अधिक पेंशन मिलती है। लेकिन यह सुविधा मात्र दो साल के लिए ही है। कोई भी उपभोक्ता यदि दो साल बाद यानी 60 वर्ष की उम्र में अपनी पेंशन बनवाता है तो उसे आठ प्रतिशत अधिक पेंशन आजीवन मिलती रहेगी।