बोले रमापति शास्त्री, देशहित के लिए नागरिकता संशोधन बिल जरूरी, विरोधी दल सिर्फ वोट की राजनीति में लगे Gorakhpur News
रमापति शास्त्री सहजनवां में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले के प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि सीएए को लेकर विरोधी दल जनता को गुमराह कर देश को कमजोर करने की साजिश रच रहे थे लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है। सीएए देशहित के लिए है। भाजपा गांव-गांव अभियान चलाकर जनता को बिल की हकीकत बता रही है।
विरोधी पार्टियां कर रही गुमराह
रमापति शास्त्री सहजनवां में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी। यह बिल दूसरे देश में पीडि़त अल्पसंख्यक को नागरिकता देने के लिए लाया गया है। बिल को लेकर विरोधी पार्टियां केवल जनता को गुमराह कर पूरे देश में अराजकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के इस साहस को सलाम कर रही है। जबकि अपने देश को खोखला करने में लगे विरोधी पार्टियों की रवैया ठीक नहीं है। विरोधी लोग केवल अपनी राजनीति कर रहे हैं। जनता धीरे-धीरे सब समझ रही है। देश के मुसलमान भी समझ रहे हैं कि उनके वोट बैंक को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सभी विरोधी दल लगे हुए हैं। हकीकत यह है कि विरोधी दल के लोग कभी भी मुसलामानों के हित की बात नहीं किए। उन्हें भाजपा से डराते रहे हैं। मुसलमान भी इसे समझ रहा है।
उन्होंने कहा कि सीएए की असलियत की जानकारी देने के लिए पूरे देश में कार्यकर्ता निकल पड़े हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं की बात लोग सुन भी रहे हैं और समझ भी रहे हैं। लोगों की समझ में यह बात आ रही है कि यह सब कारनामा वोटों की राजनीति के लिए हो रहा है।
तुष्टिकरण में लिप्त हैं आंध्रा और तेलंगाना की सरकारें
विश्व हिंदू परिषद की महानगर इकाई और बजरंग दल के कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उन्हें राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की सरकारों की तुष्टिकरण नीति पर सवाल उठाया गया है। ज्ञापन देने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मंत्री मुकुंद शुक्ल व महानगर अध्यक्ष विजय खेमका ने कहा कि दोनों सरकारें हिंदू मान विंदुओं के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है, जिसे परिषद कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। ज्ञापन के मध्यम से राष्ट्रपति से अपील की गई कि वह अपनी संविधान प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करके दोनों सरकारों पर जरूरी कार्रवाई करें।