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Ground Report: बॉर्डर के तनाव पर भारी पड़ रहा 'रोटी-बेटी' का संबंध, हर कोई चाहता है खत्म हो तनाव

Indo-Nepal tension भारत और नेपाल के नागरिक चाहते हैं कि दोनो देशों के संबंधों में तनाव खत्‍म हो ताकि रोटी-बेटी का संबंध बना रहे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 05:08 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 07:57 AM (IST)
Ground Report: बॉर्डर के तनाव पर भारी पड़ रहा 'रोटी-बेटी' का संबंध, हर कोई चाहता है खत्म हो तनाव
Ground Report: बॉर्डर के तनाव पर भारी पड़ रहा 'रोटी-बेटी' का संबंध, हर कोई चाहता है खत्म हो तनाव

शैलेन्द्र श्रीवास्तव, सोनोली (महराजगंज) : नेपाल की सीमा से लगा महराजगंज जिले का भगवानपुर गांव । आबादी लगभग चार हजार। कस्बेनुमा गांव का शायद ही कोई ऐसा परिवार हो जिसकी नेपाल में रिश्तेदारी न हों। किसी की वहां ससुराल है, तो किसी की बहन, बेटी वहां ब्याही है। यही हाल उधर से भी रिश्ते का है। दो अलग देश होने के बाद भी कभी इस पार और उस पार की बात नहीं होती थी। जिस गांव वालों ने कभी उसे अलग देश माना ही नहीं।अब उनके मन में भी भविष्य के संबंधों को लेकर सवाल उठने लगे हैं और सवाल के लिए नेपाल की वर्तमान सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। वह चाहते हैं कि जल्दी ही खटास खत्म हो, जिससे रिश्तों की मिठास कायम रह सके।

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कोरोना संक्रमण के कारण सीमा सील है। उन्हें पता है कि एक दिन कोरोना का संकट खत्म हो जाएगा और सीमा खुल जाएगी। नेपाल सरकार की भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर भय इस बात का है कि दोनों देशों के दिलों की सीमा में कहीं गतिरोध और न बढ़ जाए। नेपाल सरकार के भारत विरोधी कदम को लेकर वे चिंतित है। खास बात यह भी है ऐसी ही चिंता नेपाल के इनके रिश्तेदारों को भी है। नेपाल में रहने वाले इनके रिश्तेदार भी अपनी सरकार के कदमों पर अचरज जताते हैं। वे अपनी सरकार को सीधे कुछ कहने की जगह चाहते है दोनों देशों की सरकार के लोग साथ बैठें। खटास दूर करने की राह सोचें। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने चिंता जताई कि कहीं देर न हो जाये। भविष्य के रिश्ते कहीं अधिक प्रभावित न हो जाएं।भगवानपुर के लोग कहते हैं कि  नेपाल सरकार ने ऐसा सोच भी कैसे लिया।

क्या कहते दोनों देशों के नागरिक

सीमावर्ती गांव भगवानपुर के राजेश जायसवाल की नेपाल के बेलहिया में ससुराल है। उनकी बहन की शादी भैरहवा में हुई है। कहते हैं कि सीमा सील तो कोरोना संक्रमण के कारण हुई है, लेकिन इसने भविष्य की चिंता बढ़ा दी है। नेपाल सरकार ने नक्शा संशोधन बिल लाकर गलत कार्य किया है। सही तो यह है कि कभी सोचा ही नहीं था नेपाल ऐसा कदम उठा सकता है। नेपाल के रहने वाले राजेश जायसवाल के साले दीपेंद्र जायसवाल से फोन पर बात की गई। बात शुरू होते ही उनका दर्द छलक उठा। बोले, कुछ अधिक नहीं कहना, लेकिन रिश्तों की मजबूती के लिए अब दोनों देशों को कुछ सोचना चाहिए। चिंता यह है कि कहीं देर न हो जाए। भगवानपुर के ग्राम प्रधान के बेटे जयराम सिंह की बुआ नेपाल के रूपनदेही के रोहिणी गांव पालिका में रहती हैं। जयराम सिंह कहते हैं कि नेपाल की वर्तमान सरकार के कदम भारत विरोधी हैं। भारत ने हमेशा मान सम्मान दिया। न कभी आने पर रोक, न जाने पर बंदिश और आज मुश्किल हालात। खटास की पूरी जड़ वहां सत्ता में बैठे कुछ ही लोग हैं। आम नेपाली नागरिक भारत से खराब रिश्ते का कभी पक्षधर न था और न है। 

रूपनदेही निवासी जयराम सिंह के फुफेरे भाई कहते हैं कि भगवान न करें, कोई ऐसी स्थिति आए। हर नेपाली नागरिक चाहता है कि भारत से संबंध पहले की तरह बना रहे। निशार अहमद भगवानपुर के टोला इस्लामपुर के निवासी है। इनकी बहन की शादी नेपाल के धकधई गांव में हुई है। मार्च से नेपाल नहीं जा पाए हैं। बहन किस हाल में है। पता नहीं है। शाकिर अली की बेटी की शादी भगदरी गांव जिला रूपनदेही के गांव भागदरी में हुई है। सीमा सील होने से बेटी का हालचाल नहीं ले पा रहे हैं।


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