हजारों रुपये खर्च कर बच्चे खा रहे 'बीमारी', फास्ट फूड की लत बढ़ने से अभिभावक परेशन
बच्चों में फास्ट फूड लेने का लत बढ़ गया है। इससे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर विपरीत असर पड़ रहा है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ आप भी जाने।
गोरखपुर: बच्चों में फास्ट फूड की बढ़ती लत न सिर्फ उन्हें बीमार बना रही है बल्कि हर हफ्ते परिजनों की जेब पर हजारों रुपये का खर्च अलग से डाल रही है। फास्ट फूड से बच्चों का ठीक से शारीरिक विकास हो रहा है और न ही मानसिक विकास। पेट की तकलीफें अलग से पैदा हो जा रही है। बच्चे को खाना खिलाने के लिए पूरा परिवार सिर के बल खड़ा हो जा रहा है, लेकिन उसे सिर्फ चॉकलेट, आइसक्रीम, पिज्जा, बर्गर, नूडल्स, मोमो ही चाहिए। 'दैनिक जागरण' ने बच्चों के अभिभावकों से बात की तो उनकी परेशान साफ झलकी।
भोजन को ना, सिर्फ फास्ट फूड को हां
गृहणी कविता का कहना है कि मेरे दो बच्चे हैं। भोजन करने की बात कह दो तो ऐसा लगता है कि कोई सजा दे दी है। ना-नुकूर के बीच मनुहार करते-करते परेशान हो जाना पड़ता है। जबरदस्ती करो तो खा नहीं सकते। मजबूरी में पेट भरने के लिए उनकी बात माननी पड़ती है। बच्चों की इच्छा के आगे झुकना तो पड़ता है जानती हूं कि फास्ट फूड नुकसान कर रहा है।
बच्चों की बीमारी की जड़ है यह
गृहणी शानू गुप्ता का कहना है कि फास्ट फूड बच्चों की बीमारी की जड़ है। शुरू में बच्चों को ज्यादा प्यार के चक्कर में चॉकलेट, आइसक्रीम खिलाना बाद में अभिभावकों पर ही भारी पड़ता है। अब बच्चे बिना फास्ट फूड के रह नहीं पाते। इसमें कुछ स्कूलों के नियम भी उनकी मदद करते हैं। कुछ स्कूल वीकेंड पर लंच में फास्ट फूड मंगाते हैं। बच्चों को इससे बचाना होगा।
भोजन में यह होना चाहिए
संतुलित आहार में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स और नियमित रूप से आवश्यक कैलोरी भी होनी चाहिए। इसका मतलब यह कि शरीर के लिए आवश्यक कैलोरी की पूर्ति 50 फीसद कार्बोहाइड्रेट से, 20 फीसद प्रोटीन से और 30 फीसद वसा से होती है। इसलिए बच्चों को नियमित रूप से ऐसा आहार देना चाहिए, जिसमें विटामिन और मिनरल्स की मात्रा ज्यादा हो।
कैलोरी : हाई कैलोरी देने का मतलब यह नहीं कि आप बच्चे को तला हुआ खाना खिलाएंगे, बल्कि आपको बच्चे को दूध देना चाहिए और साथ ही अनाजयुक्त खाद्य पदार्थ देने चाहिए।
विटामिन और मिनरल्स : बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए उनके आहार में 33 फीसद विटामिन और मिनरल्स होना चाहिए। बच्चों को ऐसे पौष्टिक पदार्थ देने चाहिए, जिनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में हो। विटामिन और आयरन के लिए बच्चों को ज्यादा मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जिया और ताजे फल देने चाहिए।
कैल्शियम : छह महीने की उम्र के बाद बच्चे को आयरन की जरूरत होती है। यदि पर्याप्त मात्रा में आयरन न मिले तो बच्चे को एनीमिया हो सकता है। दालें, फलिया, अंकुरित दालें, ब्रॉकोली, बंदगोभी, मीट, मछली आयरन का बेहतरीन स्त्रोत हैं। दही, पनीर, सोयाबीन में कैल्शियम भरपूर मात्रा में मिलता है। पानी भी खूब पिलाएं- बच्चों को पानी भी खूब पिलाना चाहिए। शक्कर से बने पदार्थ और तली-भुनी चीजें न दें। इससे मोटापा, दिल की बीमारी, डायबिटीज आदि हो सकती है।