सस्ता सोना खरीदने की लालच में व्यापारी ने गंवाए थे आठ लाख रुपये, पुलिस को सुनाई थी झूठी कहानी
छत्तीसगढ़ के व्यापारी से गोरखपुर जिले में आठ लाख रुपये की ठगी की गई थी। इस मामले में व्यापारी ने पुलिस को आश्रम बनाने के नाम पर रुपयों की ठगी की सूचना दी थी। मामले में पकड़े गए पुजारी व उसके साथी से पूछताछ में भेद खुल गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले में ठगी के शिकार हुए छत्तीसगढ़ के व्यापारी ने पुलिस को झूठी कहानी सुनाई थी। वह वृद्धा आश्रम में आठ लाख रुपये दान देने नहीं बल्कि नेपाल से तस्करी कर लाया गया सोना सस्ते दाम में खरीदने आया था। शुक्रवार की रात में क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपितों को दबोच लिया, जिनसे पूछताछ में भेद खुला।
ये है पूरा मामला: दुर्ग (छतीसगढ़) के महाबीर कालोनी में रहने वाले व्यापारी प्रसन्ना जैन ने गुरुवार की शाम कैंपियरगंज क्षेत्र में आठ लाख रुपये लूट होने की सूचना दी थी। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि व्यापारी से ठगी हुई है। पूछने पर प्रसन्ना जैन ने बताया कि तीन माह पहले दुर्ग रेलवे स्टेशन पर सन्यासी के भेष में रमायन सिंह नाम का व्यक्ति मिला था जो देवरिया, पथरदेवा के नौगांवा का रहने वाला है। मंदिर निर्माण के नाम पर रमायन ने अपने खाते में 2.90 लाख रुपये लिए थे।
व्यापारी ने बताया था कि तीन माह पहले कैंपियरगंज में आश्रम बनवाने का झांसा देकर गोरखपुर बुलाया। रेलवे स्टेशन रोड स्थित होटल सिद्धार्थ में सन्यासी ने उनकी मुलाकात सरदार नाम के व्यक्ति से कराई। दो दिन पहले रमायन ने वृद्धा आश्रम के निर्माण के नाम पर 11 लाख रुपये मांगे। अपने साथी संग वह गुरुवार को गोरखपुर पहुंचे। शाम को रमायन ने फोन करके कैंपियरगंज ओवरब्रिज के नीचे बुलाया। जहां साथियों संग बाइक से पहुंचा सरदार बैग से भरे रुपये लेकर फरार हो गया। देर शाम व्यापारी ने रमायन, सरदार व उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ तहरीर दी।
क्राइम ब्रांच के साथ कैंपियरगंज पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि प्रसन्ना जैन वृद्धा आश्रम के लिए रुपये दान देने नहीं बल्कि नेपाल से तस्करी कर लाया गया सोना सस्ते दर पर खरीदने आया था। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि व्यापारी के रुपये लेकर भागे आरोपितों को पकड़ लिया गया है। सस्ता सोना खरीदने के लिए वह गोरखपुर आए थे। जल्द ही घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।