चेारी की बिजली से चल रहा था इंडियन आयल कारपोरेशन का बॉटलिंग प्लांट Gorakhpur News
बिजली निगम की विजिलेंस टीम ने आइओसी के बॉटलिंग प्लांट में छापा मारा तो अस्थायी कनेक्शन पर तकरीबन चार साल से बिजली जलती मिली।
गोरखपुर, जेएनएन। तीन महीने के अस्थायी तीन कनेक्शनों पर तकरीबन चार साल से बिजली जला रहे इंडियन आयल कारपोरेशन (आइओसी) के गीडा स्थित बॉटलिंग प्लांट के मैनेजर संजीव कुमार और दो ठीकेदारों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। तीनों को 53 लाख पांच हजार 422 रुपये जमा करने होंगे। इसमें बिजली चोरी का शमन शुल्क भी शामिल है। बिजली निगम ने तीनों कनेक्शनों को काट दिया है। अस्थायी कनेक्शन की जांच न करने वाले अवर अभियंता (जेई) और उपखंड अधिकारी (एसडीओ) जांच की जद में हैं।
प्लांट के मैनेजर ओर दो ठीकेदारों पर दर्ज हुआ था मुकदमा
बिजली निगम की विजिलेंस टीम ने आइओसी के बॉटलिंग प्लांट में छापा मारा तो अस्थायी कनेक्शन पर तकरीबन चार साल से बिजली जलती मिली। साथ ही निर्धारित लोड से तकरीबन चार गुना ज्यादा उपभोग मिला। विजिलेंस टीम ने प्लांट के मैनेजर संजीव कुमार, ठीकेदार रविंद्र कुमार और राजेश नायक के खिलाफ एंटी थेफ्ट थाना में बिजली चोरी की एफआइआर दर्ज कराई।
बिजली विभाग के जेई और एसडीओ की भूमिका की होगी जांच
अधीक्षण अभियंता ग्रामीण आइडी त्रिपाठी ने कहा कि तीनों कनेक्शन पर जांच के आधार पर जुर्माना की राशि निर्धारित कर दी गई है। इसमें 7.50 लाख रुपये बिजली चोरी के शमन शुल्क के रूप में जमा कराए जाएंगे। बॉटलिंग प्लांट के जिम्मेदार विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता सोमदत्त शर्मा से मिले। उन्हें जुर्माना के बारे में बता दिया गया है। जेई और एसडीओ की भूमिका की जांच कराई जा रही है।
ऊर्जा मंत्री तक पहुंचा मामला
बॉटलिंग प्लांट में बिजली चोरी का मामला ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तक पहुंच गया है। पिछले साल ही प्लांट का उद्घाटन हुआ था। इसका उदघाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।