विदेश में नौकरी का दिखा रहे सपने, गरीबों के लुट रहे अरमान Gorakhpur News
एसएसपी डा. सुनील गुप्त का कहना है कि विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले उनके जानने वाले होते हैं या फिर किसी संपर्क के जरिए मिलते हैं। इनका कोई कार्यालय नहीं होता।
गोरखपुर, जेएनएन। पिपराइच के ताज पिपरा चौराहे पर कार्यालय खोलने वाले जालसाजों ने पर्चा बांटकर दुबई एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। झांसे में आकर 53 लोगों ने 70 से 80 हजार रुपये दे दिए। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे तो बताया गया कि वीजा और टिकट फर्जी हैं। गोरखपुर पहुंचने पर एजेंट का कार्यालय बंद मिला। पांच अप्रैल 2016 : कैंट इलाके में आजाद चौक पर कार्यालय खोलने वाले जालसाज ने दुबई में नौकरी का विज्ञापन दिया। गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज के 700 युवकों ने बायोडाटा और पासपोर्ट जमा कर दिए। वीजा के नाम पर सभी ने 15-15 हजार रुपये जमा किए। तय तिथि पर कार्यालय पहुंचे तो संचालक फरार मिला। 10 फरवरी 2017 : एसटीएफ गोरखपुर ने कैंट क्षेत्र में रेलवे स्टेशन पर फर्जी पासपोर्ट, वीजा और एग्रीमेंट बनाने वाले गिरोह को पकड़ा। बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज मिले। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि सैकड़ों लोगों से करीब एक करोड़ की रकम वसूल चुके हैं। 12 सितंबर 2016 : एसटीएफ ने चंडीगढ़ की कंपनी के नाम पर कनाडा, खाड़ी देश में नौकरी दिलाने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ा। उनके पास से 30 पासपोर्ट, 29 फर्जी वीजा, कनाडा की कंपनी से जारी फजी नियुक्ति पत्र सहित तमाम सामान मिले।
यहां रोज दिखाए जाते हैं हसीन सपने
यह घटनाएं बानगी भर हैं। जालसाजों ने जाने कितने युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया। यह तो पुलिस जब चाहेगी, पता कर लेगी। लेकिन कबूतरबाजी की दुकानें खोल कर उनके अरमान लूट लिए जा रहे हैं। शहर से लेकर कस्बों तक तमाम ऐसी दुकानें मिल जाएंगी, जहां युवाओं को सुनहरे भविष्य के ख्वाब दिखाए जाते हैं। इन्हें फंसाने के लिए जालसाज संपर्कों का सहारा लेते हैं। इनके चक्कर में फंसे युवा अपना भाग्य संवारने के लिए परिवार पर पैसों के इंतजाम का दबाव बनाते हैं। जैसे-तैसे इंतजाम किए पैसे को एक झटके में जालसाज ले उड़ते हैं। जालसाजों के चंगुल में फंसे होने की जानकारी तब होती है, जब युवा सबकुछ गंवा चुके होते हैं।
एक साल में 30 मामले दर्ज
विदेश भेजने के नाम पर ठगी के बावजूद लोग विदेश जाने के लिए इतने लालायित हैं कि झट से ऐसे लोगों के शिकार बन जाते हैं। बीते एक साल में 30 से अधिक मामले जिले में दर्ज हुए हैं, जिनमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी हुई है।
एजेंटों का सत्यापन करने के निर्देश
इस संबंध में एसएसपी डा. सुनील गुप्त का कहना है कि विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले उनके जानने वाले होते हैं या फिर किसी संपर्क के जरिए मिलते हैं। इनका कोई कार्यालय नहीं होता। लोग पुलिस के पास तब आते हैं जब वे ठगी के शिकार बन जाते हैं। सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि विदेश भेजने का दावा करने वाले ट्रेवेल एजेंटों का सत्यापन कर लें।