चरस तस्करी की जड़ें नेपाल में, शाखाएं दिल्ली तक Gorakhpur News
नेपाल से भारत में चरस की तस्करी हो रही है। हाल के दिनों में तस्करों की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है।
गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। चरस तस्करी की जड़ें नेपाल में हैं और उसकी शाखाएं देश की राजधानी दिल्ली तक फैली हैं। गिरोह से जुड़े युवक की गिरफ्तारी के बाद जीआरपी को यह जानकारी हाथ लगी है। नेपाल के परसा जिले का निवासी भगवान गिरी चरस की खेप बिहार के नरकटियागंज, निवासी अमुल्लाह के पास भेजता है। वहां से इसे कैरियर के जरिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में ठिकानों तक पहुंचाया जाता है।
एसपी रेलवे ने तस्करों के इस नेटवर्क को तोडऩे और जुड़े लोगों को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम गठित की है। बीते शनिवार को चेकिंग के दौरान रेलवे स्टेशन पर बेतिया का रहने वाला युवक 6.88 किग्रा चरस के साथ पकड़ा गया। उससे पूछताछ में जीआरपी को पता चला कि नेपाल के परसा जिले के निवासी भगवान गिरी ने भारत के कई प्रदेशों में अपना नेटवर्क खड़ा कर रखा है। वर्षों से चल रहे इस काले कारोबार में अमुल्लाह विशेष किरदार है, जो खेप आने के बाद चरस के एक-एक किग्रा के पैकेट तैयार कराता है और कैरियर के जरिए ठिकानों तक भेजता है।
तस्करी में अधिकतर कम उम्र के युवा
चरस तस्करी में अधिकतर कम उम्र के युवा संलिप्त हैं। हैरानी की बात यह है कि शनिवार को भी जीआरपी की पकड़ में आए तस्कर सुनील कुमार भारती की उम्र 22 साल है। सीओ जीआरपी उमाशंकर सिंह ने बताया कि तस्कर, छात्रों को अपना निशाना बना रहे हैं और उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
चरस के साथ पकड़े गए तस्कर से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है। जल्द ही गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा। - पुष्पांजलि देवी, एसपी रेलवे गोरखपुर