Coronavirus Lockdown : दुकानों की CCTV भी चेक कर रही है पुलिस, बेवजह घर से निकले तो सख्त कार्रवाई Gorakhpur News
Coronavirus Lockdown मना करने के बाद भी लोग सड़क पर आ जा रहे हैं। ऐसे लोगों की वीडियो बनाकर पुलिस मुकदमे की कार्रवाई में लग गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। सड़कों पर पसरा सन्नाटा जरूर दिख रहा है, लेकिन मना करने के बाद भी लोग सड़क पर आ जा रहे हैं। ऐसे लोगों की वीडियो बनाकर पुलिस मुकदमे की कार्रवाई में लग गई है। जिनका लाकडाउन में दो दिनों से सड़क पर गतिविधियां देखी जा रही हैं । इसके लिए पुलिस सीसीटीवी की पड़ताल भी कर सकती है।
सुबह सड़क पर लग गई भीड़
सुबह आवश्यक सामान लेने के लिए जब लोग सड़कों पर पहुंचे तो पुलिस भी पीछे लग गई। उन्हें बार-बार एक जगह खड़े नहीं होने की चेतावनी दी जा रही थी। शहर के गोलघर, सिनेमा रोड, काली मंदिर, असुरन चौक, अलीनगर, जाफरा बाजार चौक, घंटाघर आदि जगहों पर सुबह बड़ी संख्या में लोग देखे गए। इसके बाद पुलिस ने सख्त रूख अपनाया। पुलिस सीसीटीवी देखकर लोगों की पहचान कर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
बार्डर पर नहीं हो पा रही सख्ती
उधर, भारत-नेपाल की सीमा सील होने के बाद भी खेतों के रास्ते लोगों के आने जाने का सिलसिला जारी है। 84 किमी की खुली सीमा पर निगरानी करना पुलिस व एसएसबी जवानों के लिए चुनौती से कम नहीं है। समझाने के बाद भी बार्डर इलाके के लोग आने जाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं । उनकी ओर से शिकायतें दर्ज कराई जा रही है।
दिल्ली, मुम्बई से पहुंचा यात्रियों का रेला
कोरोना वायरस के चलते लाकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूर सहित अन्य लोग अपने घर लौट रहे हैं। जिले में दिल्ली, मुम्बई से लौटे लोगों का रेला उमड़ पड़ा। अपने जनपद में पहुंचने से जहां उनके चेहरे पर राहत नजर आई, वहीं बाहर से आए लोगों की जांच कराना प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है।
कोरोना के मद्देनजर ट्रेन व बस आदि वाहन के संचलन के प्रतिबंध रहने के कारण बहुत से लोग दिल्ली, बनारस, मुम्बई, पटना, लुधियाना आदि स्थानों पर फंसे रहें। कई जगह इन्हें पैदल यात्रा करनी पड़ी है, तो कहीं पुलिस इन्हें रोक रही है। लोगों के विभिन्न प्रदेशों और जनपदों में फंसे लोगों की जानकारी मिलने पर शासन ने इसे गंभीरता से लिया।
गांव में नहीं लगे हैं टेंट, तो बिना जांच घर में ही रहेंगे लोग
अचानक बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने से प्रशासन के समक्ष इनकी स्क्रीनिंग चुनौती बन गई है। और तो और प्रशासन ने गांव में इनके ठहरने के लिए टेंट आदि की भी व्यवस्था नहीं की है। जिसके कारण ये लोग सीधे अपने घरों में ही रहेंगे। यदि कोई भी इसमें संक्रमित होता, तो एक दूसरे में फैलाएंगे।
राहगीरों ने किया दर्द
सुरेमन ने कहा कि जयपुर से पैदल चलें तो महराजगंज के मोहना मंडी के पास एक ट्रक मिला, जो गोरखपुर से बीस किलो मीटर पहले छोड़ दिया। मुकेश ने कहा कि कानपुर जाना है, कोई साधन नहीं मिला है। सत्यपाल ने कहा कि औरेया जाना है। कोई साधन नहीं मिलने से पैदल निकल दिया हूं। रास्ते में पुलिस भी परेशान कर रही है।