PNB Scam In Gorakhpur: सीबीआइ ने गोरखपुर में खंगाले दस्तावेज, फर्जी खातों में हुई थी सरकारी धन की निकासी
गोरखपुर के पीएनबी में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में सीबीआइ की एंटी करप्शन ब्रांच (लखनऊ) की टीम विकास भवन पहुंची। इस दौरान सीबीआइ टीम ने बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ समाज कल्याण सहित कुछ अन्य विभागों के कर्मचारियों से भी पूछताछ की।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। विकास भवन के पीएनबी शाखा में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में सीबीआइ की एंटी करप्शन ब्रांच (लखनऊ) की टीम विकास भवन पहुंची। इस दौरान सीबीआइ टीम ने बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ समाज कल्याण सहित कुछ अन्य विभागों के कर्मचारियों से भी पूछताछ की। पूछताछ के दौरान टीम ने इस मामले से जुड़े कई जरूरी दस्तावेज भी हासिल किए। सीबीआई के अचानक आने से विकास भवन के कई विभागों में अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही।
समाज कल्याण विभाग तथा डीपीआरओ कार्यालय भी पहुंची सीबीआई
सीबीआई बैंक के अलावा समाज कल्याण विभाग तथा डीपीआरओ कार्यालय समेत कुछ अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों से पूछताछ करने के साथ ही उनसे मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे। समाज कल्याण विभाग में टीम द्वारा पूर्व में भेजी गई छात्रवृत्ति की सूची भी मांगी गई। जिस पर विभाग द्वारा बताया कि सूची पुरानी होने की वजह से उनके पास नहीं है। लखनऊ से मिलेगी।
पांच करोड़ रुपये का घोटाला
इसके पूर्व भी सीबीआइ कई बार इस मामले में बैंक समेत विभिन्न विभागों के अफसरों, कर्मचारियों को लखनऊ में बुलाकर पूछताछ कर चुकी है। 2019 में भी 23 व 24 सितंबर को भी समाज कल्याण विभाग के दो कर्मचारियों से पूछताछ के बाद विभिन्न योजनाओं से जुड़े दस्तावेज तलब किए थे। सूत्र बताते हैं कि फिलहाल इस मामले में लगभग पांच करोड़ रुपये का घोटाला बताया रहा है। जांच में यह रकम और बढ़ सकती है।
डमी खाता में गया था सरकारी योजनाओं का धन
इस मामले में आरोप है कि पूर्व प्रबंधक एसएन चौबे ने बैंक के अपने अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 2012 से 2015 के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं के 15 डमी खाता खोलकर करीब पांच करोड़ रुपये निकाल लिए। इनमें छात्रवृत्ति, वृद्धा-विधवा पेंशन, महामाया आर्थिक मदद, रानी लक्ष्मीबाई योजना तथा विकलांग पेंशन समेत कुछ अन्य योजनाएं शामिल हैं। इस संबंध में पीएनबी विकास भवन शाखा के प्रबंधक मैनेजर ङ्क्षसह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
इन पर दर्ज है मुकदमा
इस मामले में अप्रैल 2017 में बैंक के जिन कर्मियों पर मुकदमा दर्ज है उनमें शाखा प्रबंधक एसएन चौबे, ऋण प्रभारी प्रदीप कुमार जायसवाल, ऋण प्रभारी ओम प्रकाश मल्ल, हेड कैशियर राजेंद्र कुमार व चपरासी अरङ्क्षवद कुमार समेत कई अन्य अज्ञात शामिल हैं।