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देवरिया कांड में बड़ी कार्रवाई ,सीबीआइ ने लखनऊ में दर्ज किया मुकदमा Deoria News

पांच अगस्त 2018 को हुआ था बाल गृह बालिका कांड का पर्दाफाश। अब सीबीआई करेगी जांच।

By Edited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 09:27 AM (IST)
देवरिया कांड में बड़ी कार्रवाई ,सीबीआइ ने लखनऊ में दर्ज किया मुकदमा Deoria News
देवरिया कांड में बड़ी कार्रवाई ,सीबीआइ ने लखनऊ में दर्ज किया मुकदमा Deoria News
देवरिया, जेएनएन। मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान की ओर से संचालित बाल गृह बालिका कांड की अब सीबीआइ जांच होगी। मामले के पर्दाफाश के एक साल बाद सीबीआइ ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जल्द ही सीबीआइ जांच के लिए देवरिया आ सकती है। इस मामले में अधिकांश आरोपित न्यायालय से जमानत पर रिहा हो चुके हैं, जबकि बाल गृह की संचालक गिरिजा त्रिपाठी व उनके पति मोहन तिवारी जेल में है। हाल ही में गिरिजा को हाईकोर्ट ने एक मामले में जमानत दी है।
पांच अगस्त 2018 को बाल गृह बालिका कांड का तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय ने पर्दाफाश किया था। साथ ही मां ¨वध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान की संचालक गिरिजा त्रिपाठी, पति मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में इस मामले की जांच एसआइटी ने की और गिरिजा त्रिपाठी की बेटी अधीक्षक कंचनलता समेत कई लोगों को जेल भेजा। उस समय ही प्रदेश सरकार ने इसकी सीबीआइ जांच की पेशकश की थी। अब सीबीआइ ने लखनऊ में दो मुकदमे दर्ज कर लिए है। इसकी सूचना आने के बाद हड़कंप मच गया है।
यह है पूरा मामला स्टेशन रोड स्थित बाल गृह बालिका से एक किशोरी भागकर 5 अगस्त 2018 को तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय के पास पहुंची थी और संस्था में होने वाले कार्य के बारे में बताया था। दस बजे रात को एसपी ने संस्था के कार्यालय पर छापेमारी की और 23 लड़कियों को मुक्त कराने का दावा किया। रात में ही बाल गृह बालिका कांड का पर्दाफाश एसपी ने प्रेस वार्ता में किया था। 6 अगस्त को ही मुख्यमंत्री ने एडीजी संजय ¨सघल के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर दिया।
10 अगस्त को देवरिया में एसआइटी ने जांच अपने हाथ में ली थी। एसपी समेत कई अधिकारी हुए थे निलंबित इस हाईप्रोफाइल मामले में सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया था। 15 अगस्त 2018 को एडीजी गोरखपुर दावा शेरपा की जांच रिपोर्ट के बाद तत्कालीन एसपी डा.रोहन पी कनय, सीओ, शहर कोतवाल वीके ¨सह गौर, सीओ सिटी व चौकी प्रभारी जटाशंकर ¨सह को निलंबित कर दिया था। बाद में यह सभी अधिकारी उच्च न्यायालय के आदेश पर बहाल कर दिए गए थे।

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