गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बस्ती के पोखरभिटवा मामले में आशिकबाज दरोगा दीपक सिंह की प्रताड़ना की शिकार युवती की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमें की जांच शासन ने सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दी है। शासन स्तर से यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर की गई है। पीड़िता अपने भाई एवं एक अन्य युवती के साथ हाल ही में लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली थी। विवेचना पर सवाल उठाते हुए कहा था कि दरोगा दीपक सिंह को बचाने के लिए मुकदमें से गंभीर धाराएं हटा दी गई। अन्य आरोपित पुलिस कर्मियों को क्लीन चिट दे दी गई। हमारे पक्ष की एक नहीं सुनी गई। यहां तक विवेचना के दोरान दिए गए साक्ष्य भी नहीं शामिल किए गए।
तीन दिन पहले एडीजी की थी जांच
पीडिता ने मुकदमों की जांच किसी एजेंसी से कराने की मांग की थी। जबकि उसके भाई ने दर्ज कराए गए मुकदमें को वापस लेने के लिए दबाव बनाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए सुरक्षा के लिए गनर मांगे थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी अखिल कुमार तीन दिन पहले फिर से जांच को पोखरभिटवा पहुंचे। पीड़िता, उसके भाई एवं भाभी के साथ ही अन्य ग्रामीणों से बातचीत की। एडीजी के साथ आईजी अनिल कुमार राय, बस्ती के पुलिस अधीक्षक और संतकबीरनगर के विवेचक सीओ एवं क्राइम ब्रांच की टीम मौजूद रही। एडीजी ने पीडिता को न्याय का भरोसा दिलाया था। विवेचना की समीक्षा के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया था। इससे पहले ही शासन ने युवती की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे को सीबीसीआइडी को जांच के लिए दे दिया।
अब तक संतकबीर नगर के सीओ कर रहे थे जांच
आईजी अनिल कुमार राय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया की पीडिता की ओर से बस्ती के कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 109-21 की विवेचना शासन ने स्थानांतरित कर सीबीसीआईडी को दे दी है। इससे पहले इसकी विवेचना संतकबीरनगर के सीओ कोतवाली कर रहे थे। पीड़िता और उसके परिवार पर दर्ज आठ मुकदमों में से दो में ही पहले ही फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है। बाकी अन्य की जांच संतकबीरनगर से कराई जा रही है।