गोरखपुर में संग्रहालय में खुली खिड़कियों का मामला तूल पकड़ा Gorakhpur News
हाल में जीडीए को लिखे एक और पत्र में उपनिदेशक ने कहा है कि प्राधिकरण की आवासीय योजना में जिन लोगों ने अपने आवास बनवाए हैं उन्होंने अपनी खिड़किया संग्रहालय की जमीन में खोल रखी हैं। यह पूरी तरह गलत है।
गोरखपुर, जेएनएन। राजकीय बौद्ध संग्रहालय से सटे मकानों की खिड़कियों को परिसर की ओर खोलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। संग्रहालय प्रशासन इसे गलत करार देते हुए बंद करवाने पर आमादा है, तो मकान वाले अपनी खिड़की किसी भी सूरत में बंद न करने पर। चूंकि यह मकान गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा बसाई गई कालोनी में हैं, इसलिए संग्रहालय के उप निदेशक खिड़कियों को बंद कराने के लिए प्राधिकरण को लगातार पत्र लिख रहे हैं। उधर इस मामले में जीडीए की खामोशी तरह-तरह के सवाल खड़े कर रही है।
बंद कराने को लेकर उपनिदेशक ने जीडीए को फिर लिखा पत्र
हाल में जीडीए को लिखे एक और पत्र में उपनिदेशक ने कहा है कि प्राधिकरण की आवासीय योजना में जिन लोगों ने अपने आवास बनवाए हैं, उन्होंने अपनी खिड़किया संग्रहालय की जमीन में खोल रखी हैं। यह पूरी तरह गलत है। कोई भी व्यक्ति अपने आवास की खिड़की किसी भी सरकारी या गैर सरकारी परिसर की ओर नहीं खोल सकता। यह अधिकार उसे अपनी जमीन के दायरे में ही प्राप्त है। इसे लेकर आवास के मालिकों को चेतावनी दी गई, तो कुछ ने अपनी खिड़कियां बंद करा लीं, लेकिन ज्यादातर ने संज्ञान ही नहीं लिया।
संग्रहालय परिसर में एसी
जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों ने तो अपने एसी भी संग्रहालय परिसर में लगा रखे हैं। उपनिदेशक की चेतावनी के बाद भी लोग अपना ऐसी वहां से नहीं हटा रहे हैं। ऐसे में बौद्ध संग्रहालय के निदेशक का जीडीए को पत्र लिखना और कार्रवाई करने का अनुरोध करना जायज है। उप निदेशक डा.मनोज कुमार गौतम का कहना है कि जीडीए की ओर से केवल आश्वासन मिल रहा, कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की जा रही।
जीडीए ने भी कहा-खिड़ी बंद न करने वालों पर होगी कार्रवाई
गोरखपुर विकास प्रधाधिकरण के सचिव रामसिंह गौतम का कहना है कि बौद्ध संग्रहालय परिसर की ओर खिड़कियों का खोला जाना या एसी लगाना गलत है। खिड़कियों को बंद कराने के लिए जल्द एक टीम भेजी जाएगी। खिड़की न बंद करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।