ध्वस्त हुई त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था, सांसत में कार्डधारक
राशन वितरण हो रही अनियमिता की जांच के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है। यहां पर किसी तरह की कोई जांच नहीं हो रही है। उपभोक्ता परेशान हैं।
गोरखपुर (जेएनएन)। जब कागजों में सत्यापन हो जाए तो अधिकारियों की मौज ही रहेगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित होने वाले खाद्यान्नों की कालाबाजारी रोकने के लिए शासन ने त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था की थी लेकिन यह व्यवस्था भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। अब तो विभाग भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि जांच के नाम पर महज खानापूरी हो रही है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पात्र गृहस्थी तथा अंत्योदय कार्डधारकों को वितरित होने वाले खाद्यान्नों में गोलमाल को रोकने व वितरण में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बनाई गई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। सूत्रों के मुताबिक तो त्रिस्तरीय जांच के नाम पर बस धन उगाही होती है। जांच के नाम पर कोई अधिकारी मौके पर सत्यापन नहीं करता है। केंद्र प्रभारी व कोटेदार सत्यापन बाद में कराते हैं और बदले में 'भेंट' देकर त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था का रस्म पूरा कर लेते हैं।
यह है त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था
पीडीएस के तहत वितरित होने वाले खाद्यान्न की उठान खाद्य विभाग की विपणन शाखा अपने ठेकेदारों के जरिये एफसीआइ के गोदामों से उठाकर ब्लाक गोदाम तक पहुंचाती है। ये खाद्यान्न प्रत्येक माह की 22 तारीख तक ब्लाक गोदाम में पहुंच जाना चाहिए। माह की 22 तारीख को जिलाधिकारी द्वारा नामित राजपत्रित अधिकारी खाद्यान्न का सत्यापन करते हैं। एक से चार तारीख के मध्य खाद्यान्न जब सस्ता गल्ला विक्रेता के यहां पहुंचता है तो उसका सत्यापन एसडीएम द्वारा नामित कर्मी करता है। इसके बाद पांच तारीख से सस्ता गल्ला विक्रेता द्वारा पर्यवेक्षीय अधिकारियों (शहरी क्षेत्र में आपूर्ति निरीक्षक व ग्रामीण क्षेत्र में लेखपाल या डीएम द्वारा नामित कर्मी) की उपस्थिति में उपभोक्ताओं में खाद्यान्न वितरण किया जाता है।
यहां है खामी
-जिलाधिकारी द्वारा नामित राजपत्रित अधिकारी 22 तारीख को नहीं करते हैं गोदाम का सत्यापन
-एसडीएम द्वारा नामित कर्मचारी माह के एक से चार तारीख के बीच सस्ता गल्ला विक्रेता के गोदाम में नहीं करते सत्यापन
-कोटेदार अपनी इच्छा से करता है खाद्यान्न का वितरण, नदारद रहते हैं पर्यवेक्षीय अधिकारी
-ब्लाक गोदाम में सत्यापन के लिए बीडीओ नामित हैं लेकिन एडीओ करते हैं सत्यापन
कागजी कार्यवाही तक न सिमटे सत्यापन का कार्य : एके सिंह
त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था के ध्वस्त होने के बारे में पूछे जाने पर अपर आयुक्त खाद्य एके सिंह ने कहा कि त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था का उद्देश्य लाभार्थियों में पारदर्शी तरीके खाद्यान्न का वितरण कराना है। यह कागजी कार्यवाहियों में नहीं सिमटना चाहिए। उन्होंने कहा कि वितरण के समय पर्यवेक्षीय अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण सस्ता गल्ला विक्रेता के स्तर पर घटतौली किए जाने की शिकायतें मिलती हैं। इसके अलावा निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूलने के साथ ही खाद्यान्न की गुणवत्ता भी खराब कर दी जाती है। इससे कार्डधारकों को परेशानी होती है।