डाक विभाग की लापरवाही,ड्राइविंग लाइसेंस के लिए भटक रहे अभ्यर्थी
यह तो सिर्फ दो अभ्यर्थियों की नजीर है। जनपद के सैकड़ों अभ्यर्थी पिछले माह से भटक रहे हैं
गोरखपुर : यह तो सिर्फ दो अभ्यर्थियों की नजीर है। जनपद के सैकड़ों अभ्यर्थी पिछले माह से ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए परेशान हैं। लाइसेंस के रूप में उनका स्मार्ट कार्ड न डाक के जरिये घर पहुंच रहा और न ही विभाग में मिल रहा है। इसको लेकर आम जन में आक्रोश है।
नियमानुसार ड्राइविंग लाइसेंस अभ्यर्थी के पते पर डाक के जरिये भेजे जाते हैं। हाथों हाथ देने की कोई व्यवस्था नहीं है। पहले डाक से पहुंचने में दो से चार दिन का विलंब हो जाता था लेकिन इधर पिछले माह से किसी भी अभ्यर्थी का स्मार्ट कार्ड घर नहीं पहुंच रहा है। अभ्यर्थी परिवहन विभाग में पहुंच रहे हैं तो गोलमोल जवाब मिल रहा है। इसको लेकर संबंधित कर्मचारी आनाकानी कर रहे हैं। डाक विभाग में कोई सुध लेने वाला नहीं है। ऐसे में परेशानी बढ़ती जा रही है।
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लाइसेंस और फिटनेस के
नाम पर सिर्फ खानापूरी
संभागीय निरीक्षक (आरआइ) के नहीं होने से परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर परेशानी बढ़ गई है। लाइसेंस और फिटनेस की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। इसके नाम पर सिर्फ खानापूरी हो रही है। लाइसेंस तो बन जा रहे लेकिन वह अभ्यर्थियों को जारी नहीं हो पा रहे हैं। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ही लाइसेंस और फिटनेस आदि का कार्य देख रहे हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी ने आरआइ की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा है। इसके बाद भी शासन नोटिस नहीं ले रहा।
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नए साफ्टवेयर के चलते
नहीं हो पा रही रजिस्ट्री
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सूरज राम पाल का कहना है कि लाइसेंस तो बन जा रहे हैं लेकिन डाक के जरिये उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही। डाक विभाग ने रजिस्ट्री आदि के लिए नया साफ्टवेयर लांच किया है लेकिन उसमें तकनीकी खामी और अपडेट नहीं होने के चलते रजिस्ट्री करने में परेशानी आ रही है। इधर, आरआइ के नहीं होने से भी परेशानी बढ़ी है। जल्द ही आने वाली दिक्कतों को दूर कर लिया जाएगा।
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प्रकरण एक - राशीष त्रिपाठी ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 16 मई को परिवहन विभाग में आनलाइन आवेदन किया। 2 जून को टेस्ट आदि की प्रक्रियाएं पूरी हो गई, लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है। कई बाद परिवहन विभाग के कार्यालय भी पहुंचे, लेकिन माकूल जवाब नहीं मिल रहा।
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प्रकरण दो - विजय प्रताप सिंह ने 13 जून को ड्राइविंग लाइसेंस के रीन्यूअल के लिए आवेदन किया। सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद वह लाइसेंस का इंतजार करने लगे। 6 जुलाई को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनका लाइसेंस अप्रूव हो गया है। मैसेज देखकर वह खुश हुए शायद एक से दो दिन में उन्हें स्मार्ट कार्ड मिल जाए। लेकिन अभी भी हाथ खाली हैं। लाइसेंस के लिए वह पिछले माह से परेशान हैं।
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