आयुष्मान भारत योजना : कार्ड बनाने के लिए गांव-गांव लगेंगे शिविर, स्वास्थ्य विभाग ने की तैयारी Gorakhpur News
आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों तक गोल्डेन कार्ड पहुंचाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक गांव और वार्ड स्तर तक शिविर लगाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों तक गोल्डेन कार्ड पहुंचाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक गांव और वार्ड स्तर तक शिविर लगाएगा। इन शिविरों में सहज जनसेवा केंद्र के सहयोग से मात्र 30 रुपये प्रति कार्ड के निर्धारित शुल्क पर उन लाभार्थियों के कार्ड बनाए जाएंगे जिनका नाम योजना की सूची में है। शिविर में कोई नया नाम नहीं जोड़ा जाएगा। केवल लाभार्थी परिवार के छूटे सदस्यों के नाम जोड़े जायेंगे।
अगले माह से लगाए जाएंगे शिविर
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि गांव और वार्ड के अलावा सूचीबद्ध सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर भी शिविर लगा कर शत प्रतिशत गोल्डेन कार्ड बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए माइक्रोप्लान तैयार हो रहा है और सितंबर महीने में शिविर लगाए जाएंगे।
सहायता के लिए इन नंबरों पर करें फोन
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. एनके पांडेय ने बताया कि गोरखपुर जिले में योजना के 2.99 लाख लाभार्थी परिवार हैं जिनमें 2.53 लाख लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र में जबकि 46,324 लाभार्थी परिवार शहरी क्षेत्र के हैं।इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ज़ह आरोग्य अभियान के 7897 लाभार्थियों के कार्ड भी बनाये जायेंगे। योजना के तहत कुल 1.29 लाख गोल्डेन कार्ड जेनरेट करवा कर वितरित कराए जा चुके हैं। जिले में कुल 64 सूचीबद्ध अस्पताल हैं जहां योजना के तहत 1416 बीमारियों का पांच लाख तक नि:शुल्क इलाज कराया जा सकता है। योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी, फीडबैक या शिकायत के लिए टाल फ्री नंबर 180018004444 या 14555 पर डायल करना चाहिए।
प्रदेश में दूसरा स्थान
आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनाने के मामले में गोरखपुर का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। योजना की जिला समन्वयक डा. संचिता ने बताया कि कुल 1.29 लाख गोल्डेन कार्ड बनवा कर जिले ने पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। गोरखपुर के 98 फीसदी गोल्डेन कार्ड आधार कार्ड से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि कुल 9110 मरीजों का इलाज करवा कर इलाज के मामले में भी गोरखपुर को सूबे में चौथा स्थान प्राप्त है।