इस जिले में बीस फीसद तालाबों पर अवैध कब्जा, अधिकारी खामोश
जल है तो जीवन है। इस बात को अधिकारी से लेकर आम जनमानस तक जानते हैं। हैरत की बात यह है कि इसके बाद भी लोग गांव व शहरों के तालाबों पर कब्जा कर रहे हैं।
संत कबीरनगर, जेएनएन। जल है तो जीवन है। इस बात को अधिकारी से लेकर आम जनमानस तक जानते हैं। हैरत की बात यह है कि इसके बाद भी लोग गांव व शहरों के तालाबों पर कब्जा कर रहे हैं। चूंकि कई कब्जाधारक ऐसे हैं, जिनकी पहुंच ऊपर तक है। इसलिए संबंधित तहसील व नगरीय निकाय के अधिकारी ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय खामोश रहते हैं। इससे तालाबों पर अवैध कब्जा बरकरार है।
बघौली ब्लाक के बखिरा गांव में स्थित तालाब गांववासियों के लिए पूर्व में काफी उपयोगी साबित हो रहा था। इस तालाब के पानी से पशुओं, पक्षियों की प्यास बुझती थी। आग लगने पर लोग इसके पानी से काबू पाते थे। इस तालाब पर लगभग दस वर्ष पूर्व मकान बनाकर व मिट्टी पाटकर कई लोग कब्जा कर लिये हैं। शिकायत पर एसडीएम, तहसीलदार आदि आए लेकिन दोषियों पर प्रभावी कार्रवाई करने की जगह दोबारा आने की बात कहकर गांव से निकल गए। इससे स्थिति जस की तस है। इस तरह के सिर्फ एक-दो नहीं अपितु कइयों मामले हैं।जनपद में लगभग 20 फीसद तालाबों पर अवैध कब्जा है। जल की महत्ता को समझें लोग खलीलाबाद शहर के गोला बाजार के प्रतिष्ठित कारोबारी विवेक छापड़िया ने कहा कि शहर हो गया गांव। लोगों को स्वयं तालाबों को संरक्षित करने के लिए आगे आना चाहिए। इस पर अवैध कब्जा करने से सिर्फ गांववासियों को ही नहीं अपितु पशु-पक्षियों को भी दिक्कत होती। भूगर्भ जल के स्तर को सामान्य बनाए रखने में बाधा पहुंचती है। यदि तालाब सुरक्षित रहेंगे तो बारिश के पानी को बर्बाद होने से बचाने में मदद मिलेगी। इससे कइयों लाभ होंगे।
ग्राम्य विकास विभाग ने 300 पोखरों का कराया है सुंदरीकरण कुल आबादी- लगभग 20 लाख कृषि योग्य भूमि-1.21 लाख हेक्टेयर पक्के कुएं-320 कुल कुएं-6,308 ग्राम्य विकास विभाग के सुंदरीकृत पोखरे-300 पट्टा वाले तालाब-809 कुल तालाबों की संख्या-2,417
शिकायत मिलने पर संबंधित तहसील व नगरीय निकायों के अधिकारी तुरंत प्रभावी कार्रवाई करते हैं। कई तालाबों से अवैध कब्जा हटाया गया है और दोषियों पर कार्रवाई हुई है। रवीश गुप्त-डीएम