कोर्ट के समक्ष नहीं उपस्थित हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद, जानें-इस मामले में किस तरह का है मुकदमा Gorakhpur News
कोर्ट में उपस्थित जमानतदारों ने लिखित देकर विश्वास दिलाया कि कैबिनेट मंत्री सुनवाई के लिए निर्धारित अगली तिथि 25 अक्टूबर को उपस्थित होंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले के अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ व विशेष अदालत एमपी-एमएलए विवेकानंद शरण त्रिपाठी की अदालत में सदर विधायक व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सोमवार को भी उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने पिछली तिथि पर गैर जमानत वारंट जारी कर कोर्ट के समक्ष उनको उपस्थित करने का आदेश पुलिस को दिया था।
कैबिनेट मंत्री पर ये है आरोप
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार दुबे के अनुसार कैबिनेट मंत्री घर में घुसकर मारने, पीटने तथा जान की धमकी देने के अलावे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के नगर कोतवाली में दर्ज चार मुकदमों में आरोपित हैं। इन सभी मामलों में बीते 15 अक्टूबर को सुनवाई थी पर कैबिनेट मंत्री कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे। उनकी अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी कर 21 अक्टूबर को उपस्थित होने का आदेश दिया था। पर वह आज भी अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री के जमानतदारों को भी नोटिस जारी किया था।
जमानतदारों ने लिखित भरोसा दिलाया
कोर्ट में उपस्थित जमानतदारों ने लिखित देकर विश्वास दिलाया कि कैबिनेट मंत्री सुनवाई के लिए निर्धारित अगली तिथि 25 अक्टूबर को उपस्थित होंगे।
25 तक सांसद को अंतरिम जमानत
सांसद विजय कुमार दुबे के खिलाफ रामकोला थाने में दर्ज मुकदमे में विशेष कोर्ट एमपी-एमएलए विवेकानंद शरण त्रिपाठी की अदालत ने अंतरिम जमानत देते हुए सुनवाई की तिथि 21 अक्टूबर को नियत की थी। सोमवार को दीवानी न्यायालय में हड़ताल होने के चलते सांसद की अंतरिम जमानत की तिथि 25 तब बढ़ा दी।
श्रमिकों की खुशहाली के लिए काम कर रही राज्य सरकार
उधर, गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मजदूरों व श्रमिकों के हित के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है। ढाई वर्ष में छब्बीस लाख मजदूरों को पंजीकृत कर उन्हें सरकारी योजनाओं से लाभांवित करने का काम किया गया है। यह आंकड़ा पिछले सरकार में हुए पंजीकरण का लगभग दूना है। कैबिनेट मंत्री ने कौड़ीराम में व्यापारी समुदाय द्वारा स्वागत से पूर्व यह बातें कहीं। कहा कि हमारी सरकार में पंजीकृत मजदूरों व श्रमिकों को तीन हजार रुपये प्रति वर्ष अनुदान दिया जा रहा है। हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर मामले का पटाक्षेप किया। जो भी दोषी है, वह कानून के शिकंजे से नहीं बचेंगे।