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CAA Protest in Gorakhpur : अफवाहों के बीच सहमी रही शांति

CAA Protest गोरखपुर के जिन इलाकों में शुक्रवार को माहौल बिगड़ा वहां शनिवार को बीच-बीच में उठती अफवाह के बीच शांति सहमी सी नजर आई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 09:37 AM (IST)
CAA Protest in Gorakhpur : अफवाहों के बीच सहमी रही शांति
CAA Protest in Gorakhpur : अफवाहों के बीच सहमी रही शांति

रितेश मिश्र, गोरखपुर। शहर के जिन इलाकों में शुक्रवार को माहौल बिगड़ा, वहां शनिवार को बीच-बीच में उठती अफवाह के बीच शांति सहमी सी नजर आई। शहर के उन हिस्सों में अमन चैन के हमलावरों की नजर लगी जो अपने खिलंदड़पन के लिए, चंडूखानों पर जरूरी-गैर जरूरी बहस-मुहाबिसों लिए, व्यस्त सडï़कों पर मस्त माहौल के लिए पहचान रखते हैं। सहमी-दुबकी शांति कब यहां की पुरानी मस्ती का रूप ले पाएगी, कहना सहज नहीं है। वजह, कल शाम तक पुलिस के काबू में आई स्थिति के बावजूद शनिवार दिन में रूक-रूक कर बेसिरपैर की अफवाह तनावपूर्ण शांति को सुकून में तब्दील होने से रोकती रहीं।

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सूनी रहीं सड़कें

रेती, शाहमारूफ, नखास, खूनीपुर, कोतवाली रोड, घंटाघर, मदीना मस्जिद रोड। ये शहर के वे हिस्से हैं, जहां जाम की दिक्कत लोगों की रूटीन में शामिल है पर यह जाम कभी यहां के वाशिंदों और राहगीरों के बीच क्लेश का कारण नहीं बनती। इसे सबने नियति मान ली है। शनिवार को इन रास्तों पर किसी तरह के यातायात प्रबंधन की जरूरत भले नहीं पड़ी, लेकिन लोगों को रोजमर्रा की वही जामशुदा व्यस्त दिनचर्या याद आ रही थी, जिसमें जिंदादिली की हलचल रहती है।

दुकानों पर सन्‍नाटा

शुक्रवार को अमन चैन के हमलावरों की करतूत शनिवार को कुछ बंद, अधखुली और कुछ खुली दुकानों के बाहर बैठे दुकानदारों, सड़क किनारे के वाशिंदों के जर्द चेहरों को देखकर ही समझी जा सकती थी। जो दुकानें खुली थीं, उनमें मालिक-कर्मचारी ज्यादातर बाहर खड़ïे होकर आज का माहौल भांपते रहे। कब कोई बात हो जाए, यह सवाल अनकहे ही समझ आ रहा था। बीच-बीच में पुलिस की तरफ से ई-रिक्शा से धारा 144 को लेकर हो रहा एनाउंसमेंट उन्हें अन्य दुकानदारों से बतकही करने को रोक दे रहा था। शाहमारूफ क्षेत्र में दोपहर बाद तीन बजे कल की पुलिस कार्रवाई को लेकर छिटपुट विरोध शुरू हुआ तो यह खबर कल से प्रभावित क्षेत्रों में बमुश्किल आधे घंटे में फैल गई। नतीजा यह हुआ कि सुबह से अपराह्न तक अनहोनी की शॉल ओढï़कर आई शांति शाम होते-होते तनाव का लबादा ओढï़े चली गई। शाम तक हर चेहरे पर यही सवाल, तनाव की चपेट में आए इन इलाकों में पुरानी बहार कब लौटेगी।

शांति बनाने को अल्पसंख्यक इलाकों में जमे रहे अफसर

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे उपद्रव के बीच तहसील में भी लोगों का दिन आशंकाओं के बीच गुजरा। अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में अफसर खुद दिन भर जमे रहे और लोगों को शांति बनाने की अपील करते रहे। तहसील में आधा दर्जन स्थानों को संवेदनशील मानकर बाकायदे जिम्मेदारी दी गई है। शुक्रवार को तहसीलदार के नेतृत्व में पुलिस जगह-जगह भागदौड़ के साथ ही अफवाहों से बचने की अपील करती रही।

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व एसडीएम सरनीत कौर ब्रोका तहसील मुख्यालय के साथ-साथ हर गतिविधियों पर नजर रखी हुई थीं। तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा को पिपरौली क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए अल्पसंख्यक इलाकों में बैठे रहे। सहजनवां कस्बा की जिम्मेदारी नायब तहसीलदार अमित कुमार ङ्क्षसह देख रहे थे। तहसील के पिपरौली, तहसील मुख्यालय, सहजनवां थाना चौराहा, गीडा, घघसरा मोड़ तथा पटखौली में पिकेट बनाकर राजस्व निरीक्षकों को जिम्मेदारी दी गई थी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ब्रोका ने कहा कि तहसील में शांति है और लोगों को अफवाहों से बचने के लिए अपील की जा रही है। 


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