CAA : किसी की नागरिकता नहीं छिन रही...प्रशासन ने जारी की एडवायजरी Gorakhpur News
CAA को लेकर एक खास वर्ग में चल रहे भ्रम को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने एडवायजरी जारी की है।
गोरखपुर, जेएनएन। CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019) को लेकर एक खास वर्ग में चल रहे भ्रम को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने एडवायजरी जारी की है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा है कि यह कानून सिर्फ नागरिकता देने के लिए है। किसी की नागरिकता छीनने का अधिकार इस कानून में नहीं है। भारतीय अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों का इससे कोई अहित नहीं है। इससे देश के नागरिकों की नागरिकता पर भी कोई प्रभाव नही पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह कानून किसी भी भारतीय हिन्दू व मुसलमान आदि को प्रभावित नहीं करेगा। इस अधिनियम के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीडऩ के कारण वहां से आए हिन्दू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पूर्व ही भारत में रह रहे हों। साथ ही जो केवल इन तीनो देशों में धर्म के आधार पर प्रताडि़त किए गए हों। उन्होंने बताया कि अभी तक भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने वर्षों से वहां पर उत्पीडऩ का दंश झेला और उनके पास भारत आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
गलतफहमी दूर करने को पुलिस ने बंटवाए पंपलेट
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चल रहे विरोध में हुए बवाल के बाद पुलिस ने इस कानून को लेकर फैली गलतफहमी दूर करने के लिए संवेदनशील इलाकों में शनिवार को बड़े पैमाने पर पंपलेट बंटवाया है। इसे सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया है तथा सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा भी कराया गया है। इसके साथ ही गोरखपुर पुलिस के मीडिया सेल ने भी एक चिट्ठी जारी कर सीएए को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की है।
पुलिस की तरफ से जारी पंपलेट में सबसे ऊपर अंग्रेजी में गवर्नमेंट आफ इंडिया (भारत सरकार) लिखा हुआ है। इसके बाद ङ्क्षहदी में लिखा है कि 'नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के बारे में गलत सूचना से गुमराह न हों। लोगों को सजग करते हुए कहा गया है कि 'अधिनियम से जुड़ी कई प्रकार की अफवाहों और गलत सूचना फैलाई जा रही है, लेकिन ये किसी तरह से सच नहीं है।Ó इसके नीचे के हिस्से को दो भाग में बांटकर एक तरफ अफवाह के बारे में बताया गया है तो दूसरी तरफ उसकी हकीकत के बारे में बताया गया है।
अफवाह : सीएए का उद्देश्य भारतीय मुस्लिमों से उनकी नागरिकता छीनना है।
सच : सीएए का किसी भी धर्म के मौजूदा भारतीय नागरिकों को प्रभावित नहीं करता है। यह 2014 तक भारत में रह रहे प्रताडि़त अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने से संबंधित है, न कि किसी की नागरिकता छीनता है।
अफवाह : सीएए भारतीय मुस्लिमों को प्रभावित कर सकता है।
सच : यह एक झूठ है, सीएए तीन देशों, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों पर लागू होगा। यह मुसलमानों सहित किसी भी धर्म के भारतीय नागरिकों को प्रभावित नहीं करता, इसलिए इससे भारतीय मुसलमानों के किसी भी तरह से प्रभावित होने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
अफवाह : ऐसे दस्तावेज जिनसे नागरिकता प्रमाणित होती है, उन्हें अभी जुटाने होंगे, अन्यथा लोगों को निर्वासित कर दिया जाएगा।
सच : यह गलत है। किसी भी राष्ट्रव्यापी एनआरसी की घोषणा नहीं की गई है। अगर कभी इसकी घोषणा की जाती है तो, ऐसी स्थिति में नियम और निर्देश ऐसे बनाए जाएंगे ताकि किसी भी भारतीय नागरिक को परेशानी न हो।
पंपलेट के अंत में लिखा गया है कि 'नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भी क्षेत्र के भारतीय नागरिक या किसी धर्म विशेष पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा। इस संबंध में गोरखपुर पुलिस के मीडिया सेल से जारी की गई चिट्ठी में भी कमोवेश यही बातें लिखी गई हैं। पंपलेट और चिट्ठी जारी करने के साथ पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति तथा सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।
सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कराए गए पत्थरबाजों के पोस्टर
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में नखास चौराहे पर पत्थरबाजी करने वालों का शनिवार को पोस्टर जारी कर पुलिस ने लोगों से उनकी गिरफ्तारी में सहयोग करने की अपील की है। साथ ही गिरफ्तारी में मदद करने वालों को एक हजार रुपये नकद इनाम देने की भी घोषणा की गई है। पोस्टर में करीब 90 पत्थरबाजों की फोटो है। सभी के हाथ में पत्थर दिखाई दे रहे हैं। फोटो से पहचान करने के बाद ही पुलिस पत्थरबाजों की गिरफ्तारी कर रही है।
पोस्टर में लगे फोटो, उपद्रव प्रभावित इलाकों में दुकानों और घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों तथा पुलिस के ड्रोन कैमरे से रिकार्ड की गई फुटेज से निकाली गई है। शनिवार को सोशल मीडिया पर यह पोस्टर जारी करने के साथ ही पुलिस ने इसे सार्वजनिक स्थानों पर भी चस्पा कराया है। पत्थरबाजों की तस्वीर के नीचे उनकी गिरफ्तारी में सहयोग करने की अपील की गई है। साथ ही एक पत्थरबाज को गिरफ्तार कराने पर एक हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा भी की गई है।
पुलिस ने कहा है कि पत्थरबाजों की गिरफ्तारी में सहयोग करने वालों का नाम व पता गोपनीय रखा जाएगा। कोई भी व्यक्ति इंस्पेक्टर कोतवाली के मोबाइल नंबर 9454403517, सीओ कोतवाली के मोबाइल नंबर 9454401411, एसपी सिटी के मोबाइल नंबर 9454401054 और गोरखपुर पुलिस के मीडिया सेल के मोबाइल नंबर 7839865830 पर संपर्क कर पत्थरबाजों के बारे में सूचना दे सकता है। बता दें कि नौ पत्थरबाजों की तस्वीर पुलिस ने शुक्रवार रात में ही सोशल मीडिया पर जारी कर दी थी। शेष पत्थरबाजों की तस्वीर का पोस्टर बनाकर शनिवार को सोशल मीडिया पर जारी करने के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कराया गया।
फेसबुक पर आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करने का आरोपित धराया
चौरीचौरा पुलिस ने नागरिकता कानून के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करने के आरोपित को शनिवार को मुंडेरा बाजार में दबोच लिया। हिरासत में लिया गया आरोपित पियूष खेतान नगर पंचायत मुंडेरा बाजार का निवासी है। इंस्पेक्टर राजू सिंह ने आरोपित पियूष को हिरासत में लेने की पुष्टि की। कहा कि पूछताछ में आरोपों की पुष्टि होने पर मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।