क्वारंटाइन सेंटर पर मानचित्र बना कर नेपालियों ने लिखा 'लिपुलेक हाम्रो हो' Gorakhpur News
राजीव गांधी पीजी कालेज में बने क्वारंटाइन सेंटर के एक कमरे में ब्लैकबोर्ड पर नेपाली नागरिकों ने लिपुलेक का मानचित्र बना नेपाली में लिपुलेक हाम्रो हो (लिपुुलेक हमारा है) लिखा है।
गोरखपुर, जेएनएन। भारत व नेपाल के बीच सीमा विवाद में क्वारंटाइन किए गए नेपाली नागरिक भी हवा दे रहे हैं। महराजगंज मेें नौतनवा के राजीव गांधी पीजी कालेज में बने क्वारंटाइन सेंटर के एक कमरे में ब्लैकबोर्ड पर नेपाली नागरिकों ने लिपुलेख का मानचित्र बना नेपाली में 'लिपुलेख हाम्रो हो' (लिपुुलेख हमारा है) लिखा है। सोमवार को कालेज परिसर में सफाई के दौरान जब लोगाें ने यह मानचित्र देखा तो हड़कंप मच गया।
यहां पर क्वारंटाइन से 139 नेपाली नागरिक
इस क्वारंटाइन सेंटर पर बीते दिनों 139 नेपाली नागरिकों को ठहराया गया था। 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के बाद सभी को 26 मई को नेपाल भेज दिया गया है। लॉकडाउन में भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण भारत के विभिन्न शहरों में काम कर रहे नेपाली नागरिकों को सोनौली व नौतनवा के 12 क्वारंटाइन सेंटरों पर ठहराया गया था। सभी के लिए अच्छी व्यवस्था की गई थी।
नेपालियों के चाय, नाश्ता भोजन की रही अच्छी व्यवस्था
नेपालियों की देखरेख, चाय- नाश्ता, भोजन आदि की व्यवस्था भारत द्वारा की जा रही थी। इसी क्रम में बीते दिनों नगर के राजीव गांधी पीजी कालेज के क्वारंटाइन सेंटर पर 139 नेपाली नागरिकों को ठहराया गया था। उनकी नियमित देखभाल की जाती रही। प्रत्येक लोगों से हाल-चाल भी लिया जाता रहा। बावजूद इसके मन में भारत के प्रति कोई हमदर्दी नहीं देखी गई। सवाल यह उठता है कि नेपाली नागरिकों में से किसी ने इस बारे में कोई भनक तक नहीं लगने दी।
सफाई के लिए खुला कमरा तो लिखे मिले भारत विरोधी नारे
सोमवार को खाली हुए कमरों की साफ-सफाई कराने पहुंचे कालेज के कर्मचारियों ने ब्लैक बोर्ड पर लिपुलेख का मानचित्र व भारत विरोधी नारे को देखा तो हड़कंप मच गया। एसडीएम नौतनवा जसधीर सिंह ने कहा कि कुछ सिरफिरे लोगों द्वारा इस तरह का कृत्य किया गया होगा। इस सेंटर में क्वारंटाइन सभी नेपाली नागरिक अपने वतन चले गए हैं।