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Gorakhpur News: असुरन चौराहे पर पुलिस बल की मौजूदगी में दो घंटे चला बुलडोजर, गिराई गईं 56 दुकानें

सड़क चौड़ीकरण के लिए गोरखपुर में अभियान चला। इस दौरान 29 दुकानें रेलवे की और 27 दुकानें नगर निगम की तोड़ी गईं। इस दौरान कई दुकानदारों ने बिलखते हुए कहा कि 40 साल से यही दुकानें रोजगार का जरिया थीं अब कैसे गुजर बसर होगा।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Sat, 25 Mar 2023 08:10 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2023 08:10 AM (IST)
Gorakhpur News: असुरन चौराहे पर पुलिस बल की मौजूदगी में दो घंटे चला बुलडोजर, गिराई गईं 56 दुकानें
असुरन चौराहा पर दो घंटे में गिराई गईं 56 दुकानें। -जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर शहर का असुरन चौराहा चौड़ा करने के लिए ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया गया। बुलडोजर से दो घंटे में 56 दुकानें गिरा दी गईं। आरोप है कि कई दुकानदारों को सामान निकालने का भी मौका नहीं मिला। पंखा, एलईडी बल्ब, दवाएं, सौंदर्य प्रसाधन का सामान, काउंटर, रैक आदि मलबे में दब गए। दुकानदारों ने कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन भारी पुलिसबल की मौजूदगी में दुकानें गिराने के बाद ही अभियान रुका। दुकान टूटती देख कई दुकानदार और उनके स्वजन रो पड़े। उनका कहना था कि 40 साल से ज्यादा समय से दुकान चला रहे थे। यही दुकान ही उनके रोजगार का जरिया थी, अब वह क्या करेंगे, कुछ तय नहीं कर पा रहे हैं।

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2020 से चल रही चौड़ीकरण की प्रक्रिया

असुरन चौराहा चौड़ा करने की प्रक्रिया वर्ष 2020 से चल रही है। यहां नगर निगम की 27 और रेलवे की 29 दुकानें थीं। अक्टूबर, 2020 में नगर निगम ने अपने दुकानदारों को नोटिस दिया था। सभी से तीन दिन में दुकान खाली करने को कहा गया था। कोरोना संक्रमण के बीच बाद में कार्रवाई रुक गई। हाल के दिनों में चौड़ीकरण कार्य शुरू कराने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) ने तेजी दिखाई। दो दिन पहले दुकानदारों को नोटिस दिया गया था। सभी से गुरुवार तक दुकान खाली करने को कहा गया था। बताया गया था कि शुक्रवार को ध्वस्तीकरण का अभियान चलाया जाएगा।

एक-एक कर गिराई गईं दुकानें

शुक्रवार दोपहर पीडब्लूडी, प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीम असुरन पहुंचीं। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कराई गई। एक-एक कर दुकानों को गिराया गया। असुरन से कौवाबाग रोड पर सबसे ज्यादा दुकानें गिराई गईं। इसके बाद पिपराइच रोड, मेडिकल कालेज रोड और धर्मशाला रोड पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई को लेकर इतनी तेजी थी कि आवागमन भी नहीं रोका गया। दो घंटे में ही दुकानें ध्वस्त करने के बाद अफसर वापस चले गए।

अफसरों से दुकानदारों ने की थी मुलाकात

गुरुवार तक दुकान खाली करने का अल्टीमेटम मिलने के बाद दुकानदारों ने कमिश्नर और अन्य अफसरों से मुलाकात की थी। उनसे समय देने और दूसरी जगह दुकान खोलने के लिए जगह दिलाने का अनुरोध किया गया था। दुकानदारों का कहना है कि अफसरों ने आश्वासन दिया था, लेकिन शुक्रवार को दुकानें तोड़ दी गईं। दुकानदार सुनील कुमार गुप्ता, रमेश गुप्ता, अजय, महेश अग्रहरि, सतीश गुप्ता आदि ने कहा कि दुकानों के पीछे रेलवे की काफी जमीन है। दुकानों को वहीं शिफ्ट कर दिया जाए तो रोजी-रोटी का जरिया बना रहेगा। आरोप लगाया कि आवंटन की समयसीमा पूरी होने से पहले ही दुकानें ध्वस्त की गई हैं।

जाम लगने से हुई दिक्कत

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बीच आवागमन नहीं रोका गया था। सड़क पर खड़े बैकहो लोडर दुकानों को तोड़ रहे थे। इससे बार-बार जाम लग जा रहा था। असुरन से कौवाबाग, पिपराइच, मेडिकल कालेज और धर्मशाला रोड पर जाम के कारण लोगों को दिक्कत हुई। कई लोग जाम के बीच ही वाहन रोक कर कार्रवाई का वीडियो भी बनाते रहे।

40 मीटर चौड़ा होगा असुरन चौराहा

पीडब्लूडी में प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार ने बताया कि असुरन चौराहा को 40 मीटर चौड़ा किया जा रहा है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा की जगह बदली जाएगी। प्रतिमा के दोनों तरफ 20-20 मीटर चौड़ा रास्ता होगा। इससे आवागमन में कोई असुविधा नहीं होगी। पीडब्लूडी चार सौ करोड़ रुपये की लागत से असुरन से मेडिकल कालेज के आगे तक माडल फोरलेन सड़क, नाले आदि का निर्माण करा रही है।

सड़क पर आ गए हम, समझ में नहीं आ रहा है क्या करेंगे

कई वर्ष से दुकान चला रहे दिनेश, मोहन, अमित, विष्णु, सरफराज, श्याम कुमार आदि का कहना है कि किसी ने अतिक्रमण कर दुकान नहीं बनाई थी। नगर निगम और रेलवे से दुकानों का आवंटन हुआ था। इतने वर्ष तक यही व्यवसाय करते हुए परिवार का भरण-पोषण किया। अब पूरी तरह सड़क पर आ गए हैं। समझ में नहीं आ रहा है कि आगे क्या करें।


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