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कुशीनगर में बौद्ध महासम्मेलन आज, देश-विदेश के 200 बौद्ध भिक्षुओं के शामिल होने की उम्‍मीद Gorakhpur News

इसमें देश-विदेश के लगभग 200 बौद्ध भिक्षुओं को आमंत्रित किया गया है। लगभग एक हजार बौद्ध उपासक- उपासिका चीवर एवं आवश्यक सामग्री दान करेंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 08:36 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 07:00 AM (IST)
कुशीनगर में बौद्ध महासम्मेलन आज, देश-विदेश के 200 बौद्ध भिक्षुओं के शामिल होने की उम्‍मीद Gorakhpur News
कुशीनगर में बौद्ध महासम्मेलन आज, देश-विदेश के 200 बौद्ध भिक्षुओं के शामिल होने की उम्‍मीद Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध विहार कुशीनगर के तत्वावधान में 20 अक्टूबर को बौद्ध महासम्मेलन और कठिन चीवर दान का आयोजन किया गया है। इसमें देश-विदेश के लगभग 200 बौद्ध भिक्षुओं को आमंत्रित किया गया है। लगभग एक हजार बौद्ध उपासक- उपासिका चीवर एवं आवश्यक सामग्री दान करेंगे। एक हजार उपासकों को सम्मानित भी किया जाएगा। पांच सौ जरूरतमंद लोगों को वस्त्र दान दिए जाएंगे।

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सम्‍मानित होंगे नौ उपासिका एवं 11 उपासक

आयोजन सचिव रमेश बैंकर ने बताया कि अध्यक्षता एबी ज्ञानेश्वर करेंगे। बुद्ध धम्म के प्रचार-प्रसार, दान परमिता, धम्म सेवा एवं अपने कुशल कार्यों से अर्जित सम्यक आजीविका के द्वारा प्राप्त धन-संपत्ति से दान देने में सराहनीय योगदान के लिए किए गए कार्यों की प्रशस्ति में नौ बौद्ध उपासिकाओं को माता विशाखा सम्मान-2019 एवं 11 बौद्ध उपासकों को अनाथपिंडिक सम्मान-2019 से सम्मानित किया जाएगा। सम्मान पाने वालों में नेपाल, सिक्किम, महाराष्ट्र, गुजरात, हैदराबाद तेलंगाना, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली राज्य के बौद्ध उपासक एवं उपासिकाएं शामिल हैं। बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति भारत की ओर से महेंद्र को उनके भिक्षु जीवन के 20 वर्षों में किए गए कुशल धम्म कार्यों के गरिमामयी योगदान हेतु सम्‍मानित किया जाएगा।

करुणा व मैत्री का संदेश देता है बौद्ध धर्म : ज्ञानेश्वर

भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध बिहार में श्रामरेण दीक्षा का कार्यक्रम समारोहपूर्वक हुआ। यहां पर 21 अक्टूबर तक चलने वाला महापरित्राण पाठ प्रारंभ हो गया है। इसी के साथ आनंद कुटी बुद्ध विहार सिरसिया का उद्घाटन और बुद्ध प्रतिमा का अनावरण हुआ। देश के विभिन्न प्रांतों से आए लगभग सौ उपासकों को भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर ने श्रामणेर की दीक्षा दी। उन्होंने सर्वप्रथम त्रिशरण पंचशील दिया। कहा कि बौद्ध धर्म करुणा मैत्री और शांति का संदेश देता है। बुद्ध के बताए मार्गों पर चलकर विश्व में शांति की स्थापना की जा सकती है। बुद्ध के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है।यही कारण है कि विश्व में इसके अनुयाइयों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। सिरसिया में बुद्ध बिहार के उद्घाटन के बाद इसमें स्थापित बुद्ध प्रतिमा का भी अनावरण किया गया। प्रतिमा यंग मेंस बुद्धिस्ट एसोसिएशन काठमांडू (नेपाल) द्वारा प्रदान किया गया है। कार्यक्रम आयोजक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के पूर्व अध्यक्ष भंते महेंद्र ने आभार प्रकट किया। 


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