बिजली कनेक्शन न काटने के लिए मांगी रिश्वत, अफसरोंं पर और विजिलेंसकर्मियों मुकदमा दर्ज
बिजली उपभोक्ता को परेशान करने पर पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट के आदेश पर बिजली निगम के तत्कालीन विजलेंस इंस्पेक्टर निर्भय नारायण सिंह बक्शीपुर के तत्कालीन एसडीओ आरके सिंह समेत बिजली निगम की पूरी टीम व पुलिस बल के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बिजली उपभोक्ता को परेशान करने, कनेक्शन न काटने के लिए रुपये ऐंठने के साथ धमकी देकर उत्पीडऩ करने के आरोपित अफसरों और कर्मचारियों पर शिकंजा कस गया है। तिवारीपुर पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट के आदेश पर बिजली निगम के तत्कालीन विजलेंस इंस्पेक्टर निर्भय नारायण सिंह, बक्शीपुर के तत्कालीन एसडीओ आरके सिंह, सूरजकुंड के जेई सुनील यादव, मुकेश पटेल, प्राइवेट लाइनमैन मनोज, संदीप के साथ बिजली निगम की पूरी टीम व पुलिस बल के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
यह है मामला
तिवारीपुर के इलाहीबाग की शहनाजबानो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीके दुबे व मजहर अली ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दाखिल किया था। बताया कि शहनाज बानो के घर चार किलोवाट का बिजली कनेक्शन लगा है। शहनाज अगस्त 2020 तक का बिजली बिल जमा कर चुकी थीं। आरोप है कि 10 अक्टूबर 2020 को बिजली निगम के एसडीओ, जेई व अन्य कर्मचारियों की टीम उनके घर कनेक्शन की जांच करने पहुंची। प्राइवेट लाइनमैन संदीप ने बताया कि मीटर स्लो चल रहा है। उसी दिन दो प्राइवेट लाइनमैन ऊपर का आदेश बताकर कनेक्शन काटने लगे।
कनेक्शन न काटने के लिए मांगी 40 हजार की रिश्वत
आरोप है कि दोनों ने कनेक्शन काटने से बचाने के लिए तत्काल 40 हजार रुपये मांगे। काफी अनुरोध के बाद 10 हजार रुपये तुरंत लिए और बची रकम बाद में देने को कहा। इसके बाद वह चले गए। शाम को घर पहुंचे पति को शहनाज ने पति को पूरी जानकारी दी तो उन्होंने लाइनमैनों से बात कर 10 हजार रुपये वापस ले लिए। आरोप है कि 12 अक्टूबर को एसडीओ व जेई विजिलेंस टीम को साथ लेकर घर पहुंचे। आरोप है कि उन लोगों ने बिजली मीटर को तोड़कर रजिस्टेंट लगा बताया, जिसके बाद विजिलेंस इंस्पेक्टर ने बिजली चोरी का मुकदमा पंजीकृत करा दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद उपभोक्ता ने न्यायालय की शरण ली, जिसके बाद वहां से आदेश होने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की।
इस बारे में विजिलेंस के तत्कालीन इंस्पेक्टर निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि उपभोक्ता के विरुद्ध बिजली चोरी का मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। दबाव बनाने के लिए उसने ऐसा किया है।
इंस्पेक्टर तिवारीपुर आरपी सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है। विवेचना कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
इन धाराओं में मुकदमा
506- आपराधिक धमकी, सजा दो साल
504- अपमानित करना या गाली देना, सजा दो साल
386- मृत्यु या गंभीर आधार का भय दिखाकर वसूली, सजा 10 साल सजा
471- कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख को कपट पूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में प्रस्तुत करना, सजा दो साल
468- कूटरचित दस्तावेजों का छल करने के लिए इस्तेमाल करना, सजा सात साल
467- धन प्राप्त करने के लिए कूट रचना करना, सजा 10 साल
420- छल करना या बेईमानी से बहुमूल्य वस्तु या संपत्ति देने के लिए प्रेरित करना, सजा सात साल
419- छल करना, सजा तीन साल
गलती निगम की, भुगत रहे 1.35 लाख उपभोक्ता
बिजली निगम की गलती का खामियाजा मंडल के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 1.35 लाख उपभोक्ता भुगत रहे हैं। इन उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर मीटर न लगने के कारण सभी को हर महीने 1050 रुपये फिक्स चार्ज जमा करना पड़ रहा है। यदि मीटर रहता तो ग्रामीण क्षेत्र के इन उपभोक्ताओं को पांच से सात सौ रुपये तक ही बिल जमा करना पड़ता। बिजली निगम शहरी क्षेत्र में कनेक्शन जारी करता है तो तत्काल मीटर लगाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में लापरवाही बरती जाती है। इसका परिणाम है कि बिना मीटर वाले उपभोक्ताओं की संख्या घटने की बजाय बढ़ती जा रही है। 1.35 लाख उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर यदि मीटर लगा होता तो हर महीने पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होती। गोरखपुर जिले में 20 हजार से ज्यादा कनेक्शन बिना मीटर के चल रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में रेट
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली का रेट 3.35 रुपये प्रति यूनिट है। साथ ही प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज 90 रुपये प्रति माह है।
अभियान चलाकर ऐसे सभी कनेक्शनों पर मीटर लगाए जा रहे हैं जिन पर अब तक मीटर नहीं लग सके थे। जनवरी में मीटर लगाने का अंतिम लक्ष्य दिया गया है। 1.35 लाख में से 35 हजार से ज्यादा उपभोक्ता मिल नहीं रहे हैं। - राजेंद्र प्रसाद, मुख्य अभियंता, गोरखपुर मंडल।