डिप्टी सीएम से मिले बीपीएड बेरोजगार, भर्ती शुरू करने की मांग
बीपीएड बेरोजगारों की मांग पर उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने दिया गंभीरता से विचार करने का आश्वासन।
गोरखपुर : बीपीएड बेरोजगारों ने शनिवार को बीपीएड 32022 अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष देवेंद्र पांडेय के नेतृत्व में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से मुलाकात की। उन्होंने 32022 अनुदेशकों की भर्ती पर लगी रोक हटाकर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग की। उप मुख्यमंत्री ने उन्हें मंच पर बुलाया और जल्द ही निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
बीपीएड बेरोजगारों ने कहा कि 23 मार्च, 2017 को प्रदेश में सभी गतिमान भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी। खेलकूद एवं योग को बढ़ावा देने वाली सरकार में बीपीएड बेरोजगार लगातार सरकार के प्रतिनिधियों से मिलते रहे हैं और सकारात्मक रुख भी देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि भर्ती होने से बड़ी संख्या में बीपीएड बेरोजगारों को फायदा होगा। जिलाध्यक्ष के अनुसार नगर विधायक की मध्यस्थता पर उप मुख्यमंत्री ने मंच पर बुलाया और जल्द की कोई निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
अनुदेशकों ने सौंपा ज्ञापन
परिषदीय अनुदेशक संघ के तत्वावधान में अनुदेशकों ने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मुलाकात की और 17 हजार रुपये मानदेय देने की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि अनुदेशकों को बढ़ा हुआ मानदेय नहीं मिल रहा है, इस संबंध में उप मुख्यमंत्री से मुलाकात की गई। उनकी ओर से सकारात्मक आश्वासन मिला है।
- भाजपा के साथ सभी वर्ग का हित सुरक्षित
गोरखपुर : भाजपा 'सबका साथ सबका विकास' के सिद्धात पर काम कर रही है। भाजपा के साथ ही सवर्ण, पिछड़ा और दलित का हित सुरक्षित है। आरक्षण को लेकर भाजपा को किसी प्रकार से नुकसान नहीं होने जा रहा है। यह बातें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कही। इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक की शाखा का उद्घाटन करने पहुंचे डॉ. शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कुछ राजनीतिक दल जाति, धर्म का उन्माद फैलाकर लाभ लेने की कोशिश में लगे हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे। एससी, एसटी एक्ट पर कानून बनाने को लेकर सवर्णो में किसी प्रकार की नाराजगी नहीं है। महागठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि सपा, बसपा व काग्रेस का महागठबंधन बेमेल और गैर सैद्धातिक है। मोदी सरकार ने विकास को लेकर कीर्तिमान कायम किया है। सरकार की नीतियां वंचित और दलितों के लिए हैं। पारदर्शी और भ्रष्टाचार रहित प्रशासन देने के लिए ही सरकार का सारा जोर तकनीक पर है।