बीआरडी मेडिकल कॉलेज में घंटों पड़े रहते हैं कोरोना संक्रमितों के शव, लाश पाने के लिए पांच से छह घंटे की वेटिंग
BRD Medical College Gorakhpur के कोविड अस्पताल में इलाज के लिए लोग मारे-मारे फिर ही रहे हैं मौत होने पर शव लेने के लिए भी हंगामा करना पड़ रहा है। मौत के पांच-छह घंटे बाद स्वजन को शव मिल पा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बने कोविड अस्पताल की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। इलाज के लिए लोग मारे-मारे फिर ही रहे हैं, मौत होने पर शव लेने के लिए भी हंगामा करना पड़ रहा है। मौत के पांच-छह घंटे बाद स्वजन को शव मिल पा रहा है। जब शव नहीं मिल रहा, पूरा परिवार कोविड अस्पताल के बाहर रो-रोकर पड़ा रहा रहा है। डाक्टर, नर्स और वार्ड ब्वाय से गुहार लगाना भी बेकार जा रहा है।
रोज होता है हंगामा
शनिवार शाम कोविड अस्पताल में एक महिला की मौत हो गई। इसकी जानकारी स्वजन को दे दी गई। बताया गया कि कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए जल्द शव सौंप दिया जाएगा। एक घंटे बीता तो स्वजन ने हेल्प डेस्क पर नर्स से बात की। नर्स ने कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए। इसके बाद एक-एक कर चार घंटे बीत गए तो स्वजन के सब्र का बांध जवाब दे गया। सभी ने कोविड अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ने लगे कि पुलिस बुलाने की नौबत आ गई। इसके बाद बताया गया कि एक घंटे में शव सौंप दिया। हालांकि महिला का शव स्वजन को रात 12:30 बजे सौंपा गया। तब तक स्वजन कोविड अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते रहे।
रात में मौत, सुबह सूचना, दोपहर में शव
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में भर्ती एक युवक के मोबाइल फोन पर काल रात में रिसीव होने बंद हाे गई। अंतिम काल में युवक ने खुद की हालत गंभीर होने की जानकारी दी थी और अस्पताल से ले जाने की गुहार लगाई थी। बात नहीं हो सकी तो स्वजन ने हेल्प डेस्क पर संपर्क किया, युवक की हालत की जानकारी मांगी। हेल्प डेस्क से इंतजार करने को कहा गया। पूरी रात बीतने के बाद भी हेल्प डेस्क से कोई सूचना नहीं मिली। स्वजन पूरी रात हेल्प डेस्क के पास पड़े रहे। सुबह पता चला कि मरीज की मौत हो चुकी है। स्वजन रो पड़े और शव जल्द देने का अनुरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद भी दोपहर में शव सौंपा गया।
शिकायत पर भी कोई सुनने वाला नहीं
स्वजन का आरोप है कि शव देने में शिकायत करने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। कोई डाक्टर या अफसर फोन काल ही रिसीव नहीं करता है। यदि गलती से काल रिसीव हो भी गई तो आश्वासन ही मिलता है। स्वजन प्रशासनिक अफसरों से लगायत मेडिकल कालेज के अफसरों तक शिकायत करते फिर रहे हैं पर कोई सुनने वाला ही नहीं है।
घंटों बेड पर पड़ा रहता है शव
मेडिकल कालेज के वार्ड में मौत के बाद शव घंटों बेड पर पड़ा रहता है। अगल-बगल के बेड पर इलाज करा रहे मरीज अपने पास शव देख परेशान हो जा रहे हैं। एक के बाद एक मौत और शव घंटों बेड पर पड़े रहने से मरीजों की हालत और बिगड़ रही है।