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भाजपा सांसद कमलेश पासवान पर डकैती का मुकदमा मामले में बैकफुट पर पुलिस- अब पहले साक्ष्य जुटाएगी, फिर करेगी कार्रवाई

गोरखपुर के भाजपा सांसद कमलेश पासवान पर डकैती का मुकदमा मामले में पुलिस बैकफुट पर आ गई है। पुलिस अब पहले साक्ष्य जुटाएगी फिर करेगी कार्रवाई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:29 AM (IST)
भाजपा सांसद कमलेश पासवान पर डकैती का मुकदमा मामले में बैकफुट पर पुलिस- अब पहले साक्ष्य जुटाएगी, फिर करेगी कार्रवाई
भाजपा सांसद कमलेश पासवान पर डकैती का मुकदमा मामले में बैकफुट पर पुलिस- अब पहले साक्ष्य जुटाएगी, फिर करेगी कार्रवाई

गोरखपुर, जेएनएन। पैनेशिया अस्पताल के प्रबंधन और संचालन को लेकर हुए विवाद में पुलिस आगे की कार्रवाई से पहले फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। मामले में कैंट पुलिस ने सांसद कमलेश पासवान सहित आधा दर्जन नामजद और 40-50 अज्ञात पर डकैती का मुकदमा दर्ज किया है। उधर सांसद की तहरीर पर दूसरे पक्ष के आठ नामजद सहित 40-50 पर एससी-एसटी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत है। पुलिस का कहना है कि दोनों मुकदमों में पहले साक्ष्य जुटाए जाएंगे और फिर इसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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सांसद कमलेश पासवान पर दर्ज है डकैती का मुकदमा

पैनेशिया अस्पताल के संचालन और प्रबंधन को लेकर निदेशक मंडल के सदस्य डॉ. प्रमोद सिंह और संस्थापक सदस्य विजय पांडेय के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसी बीच डा. प्रमोद की पहल पर बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान भी निदेशक मंडल में शामिल हो गए। विवाद ने 22 जून को तूल पकड़ लिया। अस्पताल के सामने ही दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। हाथापाई तक की नौबत आ गई थी, लेकिन पुलिस ने पहुंचकर स्थिति संभाल ली। दोनों पक्ष से आठ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। जिन्हें सीआरपीसी की धारा 107/ 116 में पाबंद करने के बाद थाने से से ही छोड़ दिया गया।

दूसरे पक्ष पर सांसद ने दर्ज कराया है एससी-एसटी का केस

दूसरे दिन इस मामले में दोनों पक्षों ने कैंट थाने में तहरीर देकर एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाया। सांसद कमलेश पासवान ने तहरीर के साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराकर दूसरे पक्ष के लोगों पर जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाया। दूसर तरफ से विजय पांडेय ने सांसद व डॉ. प्रमोद तथा उनके साथ के लोगों पर पांच हजार रुपये नकद और सोने की चेन लूटने का आरोप लगाया। दोनों तहरीर पर मुकदमा दर्ज है। संज्ञेय अपराध होने की वजह से दोनों मुकदमों में गिरफ्तारी भी होनी है, लेकिन पुलिस फिलहाल गिरफ्तारी करने के मूड में नहीं है। पुलिस अधिकारी भी हाईप्रोफाइल मामले में दोनों तरफ से साक्ष्य जुटाने के बाद ही कोई कदम उठाने की बात कह रहे हैं।


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