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गोरखपुर के पैनेशिया अस्पताल विवाद में भाजपा सांसद पर गंभीर आरोप, CM से हस्‍तक्षेप की मांग

गोरखपुर के पैनेशिया अस्पताल विवाद में बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पर गंभीर आरोप लगे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 10:43 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 08:34 PM (IST)
गोरखपुर के पैनेशिया अस्पताल विवाद में भाजपा सांसद पर गंभीर आरोप, CM से हस्‍तक्षेप की मांग
गोरखपुर के पैनेशिया अस्पताल विवाद में भाजपा सांसद पर गंभीर आरोप, CM से हस्‍तक्षेप की मांग

गोरखपुर, जेएनएन। पैनेशिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर सोमवार को हुए विवाद में दोनों पक्ष ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। एक पक्ष से निदेशक मंडल के संस्थापक सदस्य डा. प्रमोद सिंह ने एसएसपी डॉ. सुनील गुप्त को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की तो दूसरे पक्ष से निदेशक मंडल के एक अन्य संस्थापक सदस्य विजय कुमार पांडेय ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से मंगलवार को कैंट थाने में तहरीर दी। डा.प्रमोद ने आठ नामजद सहित 40-50 लोगों पर अस्पताल में घुसकर हंगामा और लूटपाट करने का आरोप लगाया है। हंगामे की वजह से कई मरीजों की जान पर बन आने की बात भी कही है। वहीं विजय कुमार पांडेय ने तहरीर और मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में डा.प्रमोद के साथ ही भाजपा सांसद कमलेश पासवान और उनके विधायक भाई डा.विमलेश पासवान पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

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उधर मंगलवार देर शाम भाजपा सांसद कमलेश पासवान की तरफ से भी कैंट थाने में तहरीर दी गई, जिसमें आठ नामजद और 40-50 अज्ञात पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गाली देने का आरोप है।

सांसद ने दी जान से मारने की धमकी : विजय कुमार पांडेय

निदेशक मंडल के संस्थापक सदस्य विजय कुमार पांडेय ने तहरीर और मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि निदेशक मंडल के अन्य सदस्यों के साथ वह अस्पताल गए थे। इसी बीच भाजपा सांसद कमलेश पासवान दो-तीन गाडिय़ों से कुछ लोगों के साथ वहां पहुंचे। डा.प्रमोद भी मौजूद थे। आरोप है कि सांसद और डा.प्रमोद तथा उनके साथ आए लोग उन्हें तथा निदेशक मंडल के अन्य सदस्यों के साथ दुव्र्यवहार करने लगे। इस दौरान उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विजय कुमार पांडेय ने सांसद के विधायक भाई डा.विमलेश पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की है।

हंगामे की वजह से बिगड़ गई थी मरीज की हालत : डा. प्रमोद

डा.प्रमोद ने अपनी तहरीर में निदेशक मंडल के संस्थापक सदस्य विजय कुमार पांडेय, रामनिवास गुप्त, गोविंद प्रसाद, गोपाल मद्धेशिया, अशोक मद्धेशिया, रवि श्रीवास्तव, अंबरीश राय और आनंद सिंह तथा 40-50 अज्ञात लोगों पर हंगामा, मारपीट और लूटपाट करने का आरोप लगाया है। तहरीर में उन्होंने लिखा है कि जिस समय हंगामा शुरू हुआ, वह एक मरीज के ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे। मरीज को बेहोशी की दवा दी जा चुकी थी। शोर सुन वह बाहर आ गए। इस बीच मरीज की हालत काफी बिगड़ गई। किसी तरह से उसकी जान बचाई जा सकी। उन्होंने अन्य मरीजों को भी धमकी देने का आरोप लगाया है।

सांसद ने जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का लगाया आरोप

भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने तहरीर में आठ नामजद और 40-50 अज्ञात पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सांसद ने जिन आठ लोगों को नामजद किया है, वही लोग डॉ.प्रमोद की तहरीर में भी आरोपित हैं। सांसद ने तहरीर की प्रति अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग के अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, एडीजी जोन गोरखपुर, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, एसएसपी और सीओ कैंट को भी प्रेषित की है।

हुआ यह था

छात्रसंघ चौराहे पर स्थित पैनेशिया अस्पातल पर कब्जे को लेकर काफी दिन से विवाद चल रहा है। सोमवार को दिन में 12 बजे के आसपास मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया, जब मालिकाना हक का दावा करने वाले दो पक्षों के लोग एक साथ अस्पताल पहुंच गए। दोनों पक्षों में झड़प के बाद हाथापाई की नौबत आ गई थी, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाल ली। दोनों पक्षों से आठ लोगों को हिरासत में भी लिया था। बाद में सीआरपीसी की धारा 107/116 में पाबंद करने के बाद सभी को थाने से ही छोड़ दिया गया।

पैनेशिया अस्पताल में हुए विवाद के मामले में तीन तहरीर मिली है। पूरे मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - सुमित शुक्ल, क्षेत्राधिकारी कैंट

पैनेशिया से 14 डिस्चार्ज, आठ गंभीर मरीज भर्ती

अस्पताल में भर्ती मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट करने का प्रशासन ने निर्देश देते हुए 48 घंटे का समय दिया है। अस्पताल में कुल 22 मरीज भर्ती थे। मंगलवार को लगभग ठीक हो चुके 14 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। अभी आठ गंभीर मरीज भर्ती हैं, इनमें पांच आइसीयू व तीन इमरजेंसी में हैं। यह सभी मरीज अभी जाने को तैयार नहीं हैं। फिलहाल अस्पताल प्रबंधन उनकी पूरी देखभाल कर रहा है।

भर्ती नहीं किए जा रहे नए मरीज

अस्पताल में ओपीडी के सभी नौ कमरों को सील कर दिया गया है। अब कहीं डॉक्टर के बैठने की जगह नहीं है। अस्पताल में नए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। पहले से भर्ती मरीजों की देखभाल की जा रही है। एकाउंट कार्यालय भी सील है।

आइसीयू में भर्ती पांच मरीजों की स्थिति थोड़ी गंभीर है। तीन इमरजेंसी में भर्ती हैं। उनका कहना है कि ठीक होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाए। उनकी पूरी देखभाल की जा रही है। जैसे-जैसे वे ठीक होते जाएंगे, उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा। - डॉ.विजय पांडेय, आइसीयू इंचार्ज, होप पैनेशिया

अस्पताल को यह सुविधा दी गई है कि भर्ती मरीजों की पूरी देखभाल की जाए। उन्हें देखने वाले डॉक्टर आएं और इलाज करें। कोई नया मरीज भर्ती नहीं होगा। अधिकतम दो-तीन दिन में ठीक होने पर सभी मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया जाए। - डॉ.श्रीकांत तिवारी, सीएमओ 


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