Gorakhpur: गोरखपुर के लोगों के लिए बड़ी खबर, अब ट्रामा सेंटर की तरह काम करेगी इमरजेंसी, बढ़ेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं
Gorakhpur गोरखपुर में अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से बेहतर हो जाएगी। जिला अस्पताल की इमरजेंसी मिनी ट्रामा सेंटर की तरह काम करेगी। इस क्रम में इमरजेंसी कक्ष का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इसके लिए इमरजेंसी में अब आईसीयू खोलने की तैयारी है। विशेषज्ञ डॉक्टर को रोगी के पहुंचने पर ऑन कॉल बुलाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर के लोगों को अब बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मिलेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी मिनी ट्रामा सेंटर की तरह काम करेगी। इस क्रम में इमरजेंसी कक्ष का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
इमरजेंसी में माइनर ऑपरेशन थियेटर व डाक्टर कक्ष पहले से है। अब एक और कमरा इमरजेंसी से जोड़कर वहां दो बेड का मिनी इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। आईसीयू में एनेस्थेटिस्ट (निश्चेतक) व एक प्रशिक्षित स्टाफ नर्स सदैव मौजूद रहेंगी, ताकि हार्ट और न्यूरो विशेषज्ञ के पहुंचने तक रोगी को संभाला जा सके।
बढ़ाई जाएंगी ये सुविधाएं
विशेषज्ञ डॉक्टर को रोगी के पहुंचने पर ऑन कॉल बुलाया जाएगा। जिला अस्पताल में अभी तक आईसीयू नहीं है। अब वहां मिनी आईसीयू की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें आईसीयू मॉनिटर व अन्य संसाधन भी उपलब्ध रहेंगे। अस्पताल के पास तीन एनेस्थेटिस्ट हैं। इनकी ड्यूटी तीन शिफ्टों में लगती है। आईसीयू बनने के बाद इनकी तैनाती वहीं रहेंगी, जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन थियेटर में जाएंगे।
एम्स में भेजकर दिया जाएगा प्रशिक्षण
आठ स्टाफ नर्सों को एम्स में भेजकर हृदय रोगियों को संभालने के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, ताकि वे हृदय रोग विशेषज्ञ के आने तक रोगी को संभाल सकें और उसका प्राथमिक उपचार कर सकें। विशेषज्ञ डॉक्टर के देखने के बाद यदि मामला ज्यादा गंभीर होगा तो रोगी को बीआरडी मेडिकल कालेज के लिए रेफर किया जाएगा।
अधिकारी ने दी पूरी जानकारी
इमरजेंसी में मिनी आईसीयू बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। ताकि हृदय रोगियों या दुर्घटना में घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार कर उनकी जान बचाई जा सके। आईसीयू में मॉनिटर व अन्य संसाधनों की उपलब्धता रहेगी। हेल्थ एटीएम की भी सुविधा होगी ताकि रात में तत्काल जांच हो सके। गंभीर रोगियों को प्राथमिक उपचार देकर बीआरडी मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया जाएगा। डा. राजेंद्र ठाकुर, प्रमुख अधीक्षक

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