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भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को देखने आई भूटान की टीम

भारत में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की व्‍यवस्‍था देखने भूटान की एक टीम संतकबीर नगर के एक सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पर पहुंची।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 03:51 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 04:18 PM (IST)
भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को देखने आई भूटान की टीम
भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को देखने आई भूटान की टीम

गोरखपुर, (जेएनएन)। भूटान में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए देश की स्वास्थ्य सेवाओं के ढ़ाचे के बारे में जानकारी लेने के लिए मंगलवार को भूटान से चार सदस्यीय टीम ने जिले के अनेक अस्पतालों का भ्रमण किया। सीएमओ से मिलकर अपने भ्रमण के लक्ष्य के बारे में जानकरी देने के बाद सभी ने आशा और एएनएम के साथ ही चिकित्सकों से वार्ता करके जानकारी ली। सीएचसी खलीलाबाद पर चल रहे ब्रिज कोर्स आईपीसी में भी शामिल होकर सभी ने इसके बुकलेट लिए।

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भूटान से आई टीम के साथ यूनिसेफ भारत इकाई के डायरेक्टर भवानीशंकर त्रिपाठी, भूटान के मेडिकल एजूकेशन सेंटर के डायरेक्टर डा. निजाम वांगमो, स्वास्थ्य मंत्रालय भूटान के डा. विंगले जागमो, नर्सिंग स्कूल के तासीस सेरिंग दिन में 11 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खलीलाबाद पर पहुंचे। यहां यूनीसेफ द्वारा संचालित ब्रिज कोर्स में मौजूद आशा और एएनएम से मिलकर जानकारियां ली। इस दौरान डा. एकेसिन्हा, डा. वीपी पांडेय, सवास्थ्य शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र यादव समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

टीम ने पूछा- परेशानियों से कैसे निपटती हैं

डा. निजाम वांगमो ने एक आशा कर्मी से पूछा कि जब आप गांव की बहू थी इसके बाद अब आशा पद पर कार्य कर रहीं हैं तो इसमें क्या फर्क दिख रहा है। इसे डा. भवानीशंकर त्रिपाठी ने हिंदी में आशा को समझाया तो जवाब मिला कि जिम्मेदारियों का निर्वहन करना बेहतर लग रहा है। इसी प्रकार उन्होंने पूछा कि महिलाओं को पर्दे से बाहर निकलने में आने वाली परेशानियों से वह कैसे निपटती हैं तो आशा कर्मी ने कहा कि हमारे देश में इस प्रकार की समस्या नहीं हैं। यहां सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेक प्रकार के उपाय किए गए हैं। इसी प्रकार टीम के सभी सदस्यों ने सुरक्षित प्रसव, गर्भावस्था में महिलाअें की देखभाल और टीकाकरण के बारे में जानकारी ली।


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