अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन कुशीनगर के विनय पांडेय कराएंगे Gorakhpur News
अयोध्या में भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम कुशीनगर के विनय पांडेय के निर्देशन में होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। जब पूरा विश्व सनातन संस्कृति के आराध्य श्रीराम के जन्म स्थान पर उनके बहु प्रतीक्षित मंदिर की शिला रखे जाने का साक्षी बन रहा होगा, तब बुद्ध की धरा कुशीनगर का नाम वैश्विक पटल पर फिर चमकता दिखाई देगा। पांच अगस्त को श्रीराम की अयोध्या में यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भूमिपूजन और शिलान्यास कर रहे होंगे, तब उस अति विशिष्ट अनुष्ठान का निर्देशन काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री प्रो. विनय कुमार पांडेय कर रहे होंगे। प्रो. पांडेय बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर के विशुनपुरा के रहने वाले हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय के साथ विश्वविद्यालय में व्याकरण विभाग के दो आचार्य, प्रो. रामचंद्र पांडेय और प्रो. रामनारायण द्विवेदी भी इस अनुष्ठान का निर्देशन करेंगे। इस गौरवमयी दायित्व के मिलने पर प्रो. विनय के गांव विशुनपुरा में हर्ष है। अभिभूत पिता रामदेव पांडेय बोले, एक पिता के लिए इससे बड़ा गौरव क्या हो सकता है कि पुत्र के निर्देशन में राममंदिर का शिलान्यास हो। यह पुरखों का सत्कर्म व ईश्वर का आशीर्वाद है। इस ऐतिहासिक व पुनीत क्षण का साक्षी बनना चाह रहा था लेकिन कोरोना बाधा बन गया। अब गांव में ही सभी के साथ टीवी पर पूजन का लाइव प्रसारण देखेंगे।
बीएचयू में पढ़े, अब वहीं विभागाध्यक्ष
प्रो. पांडेय कुशीनगर के पडरौना ब्लाक के विशुनपुरा गांव निवासी किसान रामदेव पांडेय के चार पुत्रों में सबसे बड़े हैं। 20 नवंबर 1979 को जन्मे विनय की प्रारम्भिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय में हुई। पूर्व माध्यमिक शिक्षा कठकुइया के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई और हाईस्कूल व इंटरमीडियट गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यालय गोरखपुर से। उच्च अध्ययन के लिए बीएचयू गए। पीएचडी करने के बाद वहीं आचार्य हुए और अब वहीं ज्योतिष शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। वह काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री भी हैं। संस्कृत, ङ्क्षहदी, अंग्रेजी पर समान रूप से अधिकार रखने वाले प्रो. विनय के ज्योतिष, वास्तु व कर्मकांड पर 14 अंतरराष्ट्रीय, 40 राष्ट्रीय शोध पत्र और सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। पूर्व में भी वह प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण अनुष्ठान में आचार्य के रूप में शामिल हो चुके हैं।
श्रीराम की अनुकंपा से मिला दायित्व
फोन पर हुई बातचीत में प्रो. विनय ने बताया कि तीन घंटे तक निर्बाध पूजन होगा। शुभ मुहूर्त गोपनीय रखा गया है। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि अंतरराष्ट्रीय महत्व का विषय है। भगवान राम सनातन संस्कृति के आराध्य हैं। उनकी जन्मभूमि अयोध्या सनातन संस्कृति की धरोहर है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की अनुकंपा से ही मुझे यह गौरवशाली क्षण मिला, जिसमें जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री जी करेंगे और मैं शास्त्र-सम्मत विधि विधान पूरा कराने की टीम में रहूंगा।
शास्त्र-सम्मत और प्रामाणिक विधि विधान का होगा दायित्व
भूमि पूजन और शिलान्यास का अनुष्ठान एवं कर्मकांड दूसरे आचार्यों की टीम करेगी और निर्देशन काशी विद्वत परिषद का होगा। यानी ये सभी कर्मकांड और विधि-विधान शास्त्र-सम्मत व प्रामाणिक विधि से मुहूर्त के अनुसार और उचित क्रम में हों, इसकी जिम्मेदारी परिषद की होगी और पूरे अनुष्ठान की निगरानी करेगी।