आज से ढूंढे जाएंगे आयुष्मान के 1.32 लाख लाभार्थी परिवार Gorakhpur News
आशा कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों की सूची उपलब्ध करा दी गई है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि गांव-गांव ऐसे सूचीबद्ध लोगों को ढूंढकर उनका गोल्डेन कार्ड बनवाएं। इस कार्य के लिए प्रति लाभार्थी उन्हें पांच रुपये प्रदान किए जाएंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। आयुष्मान भारत योजना का अब कोई लाभार्थी परिवार ऐसा नहीं होगा, जिसमें किसी भी सदस्य का गोल्डेन कार्ड न बना हो। शासन के निर्देश पर मंगलवार से ऐसे 1.32 लाख परिवारों की खोज का अभियान शुरू होगा, जिसका हर सूचीबद्ध सदस्य अभी तक गोल्डेन कार्ड से वंचित है।
आशा कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों की सूची उपलब्ध करा दी गई है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि गांव-गांव ऐसे सूचीबद्ध लोगों को ढूंढकर उनका गोल्डेन कार्ड बनवाएं। इस कार्य के लिए प्रति लाभार्थी उन्हें पांच रुपये प्रदान किए जाएंगे। साथ ही सरकारी व निजी अस्पतालों पर तैनात आरोग्य मित्रों को निर्देशित किया गया है कि जो भी लाभार्थी आए, प्राथमिकता के आधार पर उसका कार्ड बनाया जाए।
84 गांवों में नहीं थे गोल्डेन कार्ड धारक
इसके पहले शासन से निर्देश आया था कि हर गांव में कम से कम एक व्यक्ति गोल्डेन कार्डधारक होना चाहिए। ताकि उसे निश्शुल्क इलाज मिलता देख अन्य लोग भी प्रेरित हों। इसके लिए चले अभियान में 84 गांव व टोले ऐसे मिले जहां एक भी गोल्डेन कार्डधारक नहीं था। वहां अनेक लोगों के कार्ड बनवाए गए।
निश्शुल्क होता है इलाज
जिनका गोल्डेन कार्ड बना है, उनका निजी अस्पतालों में भी पांच लाख रुपये तक निश्शुल्क इलाज होता है। जिले में कुल 89 अस्पतालों को इस योजना में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें 64 निजी अस्पताल हैं। सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि आशा कार्यकर्ताओं के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों व सहज जन सेवा केंद्रों को निर्देशित किया गया है कि प्राथमिकता के आधार पर लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड बनाए जाएं। हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति का कार्ड बन जाएगा तो अन्य लोग प्रेरित होंगे और उन्हें ढूंढना आसान होगा।
कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
मूल राशन कार्ड।
मूल आधार कार्ड।
मतदाता पहचान पत्र।
प्रधानमंत्री का मूल पत्र अगर प्राप्त हुआ हो।
मुख्यमंत्री का मूल पत्र अगर प्राप्त हुआ हो।