Corona Fighters: पौष्टिक भोजन व योग से होम आइसोलेशन में दी कोरोना को मात Gorakhpur News
Corona Fighters दंपती का कहना है कि जहां सामान्य मरीजों को आहार और योगा पर ध्यान देना चाहिए वहीं मधुमेह के मरीजों को विशेष तौर पर सतर्कता बरतनी चाहिए। होम आइसोलेशन के दौरान खानपान में पारिवारिक सहयोग की ज्यादा आवश्यकता होती है।
गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज की आहार परामर्शदाता पद्मिनी शुक्ला व उनके पति डा. देवेंद्र नारायण शुक्ल ने होम आइसोलेशन में रहकर पौष्टिक भोजन व योग के जरिये कोरोना को मात दी है। उन्होंने लोगों को कोरोना संक्रमण के दौरान आहार-विहार पर विशेष ध्यान देने व योग करने का परामर्श दिया है। खासकर जिनका आक्सीजन स्तर कम हो रहा हो, उन्हें अनुलोम-विलोम प्राएणायाम करने की सलाह दी है।
इस दंपती का कहना है कि जहां सामान्य मरीजों को आहार और योगा पर ध्यान देना चाहिए वहीं मधुमेह के मरीजों को विशेष तौर पर सतर्कता बरतनी चाहिए। होम आइसोलेशन के दौरान खानपान में पारिवारिक सहयोग की ज्यादा आवश्यकता होती है। कोविड के सामान्य मरीजों को इस दौरान सुबह उठने के बाद ही गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए। सुबह-सुबह हल्दी वाले दूध या काढ़ा का सेवन करना चाहिए। नाश्ते में पोहा या साबूदाने की खीर अथवा खीचड़ी का सेवन करें। सुबह दस बजे तक कोई मौसमी फल अवश्य लें। दोपहर 12 से एक बजे के बीच लंच में रोटी, दाल, सब्जी का सेवन करें। पनीर अथवा अंडे की सब्जी का भी सेवन करना बेहतर है। शाम चार बजे के करीब भुना हुआ तलमखाना ले सकते हैं। तली चीजें नहीं लेनी हैं। शाम को एक गिलास हल्दी- दूध लें या हल्की चाय भी ले सकते हैं। रात में भी पौष्टिक भोजन के सेवन के बाद हल्दी-दूध लेना न भूलें।
टहलने के साथ योग-प्राणायाम से कोरोना भगाएं
कोरोना चाहे कितना ही खतरनाक वायरस क्यों न हो, डाक्टर उससे नहीं डरते क्योंकि उनके सामने आम आदमी की जान बचाने की चुनौती होती है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डा. राजेश कुमार पिछले साल मरीजों का इलाज करते-करते वह स्वयं संक्रमित हो गए थे। ठीक होने के बाद पुन: मरीजों की सेवा शुरू कर दी थी। अभी हाल में वह गंभीर रूप से बीमार पड़े। लगभग 15 दिन बेड पर रहे। लेकिन स्वस्थ होते ही पुन: कोरोना से चल रही जंग में कूद पड़े हैं। बचाव व सतर्कता के साथ मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
सुबह टहलना उनकी दिनचर्या में शामिल है। इसके बाद योग-प्राणायाम करते हैं। तत्पश्चात हल्दी मिश्रित दूध पीते हैं। नाश्ते में अंकुरित अनाज व फल लेते हैं। भोजन में हरी सब्जियों व सलाद की मात्रा ज्यादा होती है। चाय की जगह आयुष का काढ़ा पीते हैं। नीम की दातून करते हैं। नींबू पानी दिन में चार बार लेते हैं। साथ में विटामिन सी की गोलियां सुबह-शाम लेते हैं।
अस्पताल से निकलने के बाद हाथ-मुंह साबुन-पानी से ठीक से धोते हैं। घर पहुंचने पर कपड़े गर्म पानी में भिगो देते हैं और गर्म पानी व साबुन से नहाने के बाद ही घर में प्रवेश करते हैं। ब'चों से दूरी बनाए रहते हैं।