Move to Jagran APP

नितीश व रानी से आबाद हुआ भालू का बाड़ा, कानपुर चिड़‍ियाघर से लाया गया एक और दरियाई घोड़ा Gorakhpur News

शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़‍ियाघर) में भालू का बाड़ा आबाद हो गया। बिरसा मुंडा जैविक उद्यान रांची से नर भालू नितेश और मादा भालू रानी लाए गए हैं। दोनों को उनके बाड़े में ही क्वारंटाइन किया गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 10:10 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 10:10 AM (IST)
नितीश व रानी से आबाद हुआ भालू का बाड़ा, कानपुर चिड़‍ियाघर से लाया गया एक और दरियाई घोड़ा Gorakhpur News
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में लाया गया भालू। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़‍ियाघर) में भालू का बाड़ा आबाद हो गया। बिरसा मुंडा जैविक उद्यान, रांची से नर भालू नितेश और मादा भालू रानी लाए गए हैं। दोनों को उनके बाड़े में ही क्वारंटाइन किया गया है। कानपुर चिड़‍ियाघर से एक और दरियाई घोड़ा (हिप्पो) जय उर्फ सतीश को भी लाया गया है। जय तीन सप्ताह पहले लाई गई लक्ष्मी का बेटा है।

loksabha election banner

शुक्रवार शाम की भालू को लेकर चली थी टीम

भालू के जोड़े को लाने के लिए गोरखपुर चिड़‍ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम रांची गई थी। शुक्रवार शाम को यह टीम भालू के जोड़े को साथ लेकर गोरखपुर के लिए चली थी। शनिवार को यहां पहुंची। इससे पहले ही चिड़‍ियाघर के निदेशक डा.एच राजामोहन की देखरेख में भालू के बाड़े को पूरी तरह से सैनिटाइज करा लिया गया था। पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह की देखरेख में उन्हें बाड़े में छोड़ा गया। कानपुर चिड़‍ियाघर की टीम तड़के दरियाई घोड़े जय उर्फ सतीश को साथ लेकर गोरखपुर पहुंची। जय की उम्र ढाई वर्ष के आसपास बताई जा रही है। बताते हैं कि लक्ष्मी के कानपुर से आने के बाद जय उदास रहने लगा था। तीन सप्ताह से अधिक समय बाद मां से मिलने खुशी उसकी हरकतों से साफ दिख रही थी।

रिकार्ड समय में चिड़‍ियाघर लाए गए 151 वन्यजीव

शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में वन्यजीवों को लाए जाने का सिलसिला विनोद वन से 11 फरवरी को अलग-अलग प्रजाति के तीन हिरणों को लाए जाने से शुरू हुआ था। शनिवार तक चिड़‍ियाघर में 31 प्रजातियों के 151 वन्यजीव लाए जा चुके थे। इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में वन्यजीवों का सुरक्षित अभिवहन अपने आप में रिकार्ड है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर लाने में चिड़‍ियाघर के निदेशक डा.एच राजामोहन और पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह का प्रयास उल्लेखनीय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.