यहां आ रहे हैं तो सावधान रहें, यहां हैं मौत के 25 स्पॉट Gorakhpur News
गोरखपुर की 25 सड़कें मौत के लिए जानी जाती हैं। सर्वे के बाद आरटीओ ट्रैफिक और लोक निर्माण विभाग की टीम ने इन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले की 25 सड़कें मौत के लिए जानी जाती हैं। सर्वे के बाद आरटीओ, ट्रैफिक और लोक निर्माण विभाग की टीम ने इन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया। इन स्थानों पर ज्यादा हादसा होने की वजह यातायात नियमों की अनदेखी और खराब इंजीनियरिंग है।
2019 में अधिकारियों ने हादसों की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। इसमें हादसों का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना है। वहीं दूसरा कारण गलत तरीके से ओवरटेक करना सामने आया है। पहले जिले में 15 ब्लैक स्पॉट थे। सर्वे के बाद 10 नए ब्लैक स्पॉट बढ़ गए। जिसमें एनएच 29 और 28 शामिल हैं।
2019 में बढ़ गईं मौतें
2016 में 290 हादसे हुए और 221 मौतें हुई। वहीं 2019 में अब तक हादसों में करीब 350 लोगों की मौत हो चुकी है।
2016 के ब्लैक स्पॉट
सोनबरसा, कोनी, कस्बा पीपीगंज, रामनगर करजहां, जंगल धूसड़ से पिपराइच, चौरी चौरा से भोपा बाजार, बेलो सिधावल, मरचहवा बाबा तिराहा, देवीपुर, रामपुर बुजुर्ग, चवरिया खुर्द, बोकटा, खजांची चौराहा, चौमुखा और भीटी रावत
2019 में चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट
कसीहार बगहावीर मंदिर, बोकटा, दाना पानी होटल, भीटीरावत, मरचही कुटी, रावतगंज, फुटहवा इनार, निबियहवा ढ़ाला, चौमुखा और नौसढ़
ऐसे चिन्हित होता है ब्लैक स्पॉट
एक ही स्पॉट पर जहां तीन साल में पांच से अधिक हादसे और तीन से ज्यादा मौतें हुई हैं, उस जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप मे चिन्हित किया जाता है। इन स्थानों पर से गुजरने वालों को जागरूक करने के लिए अधिकारियों ने कई उपाय किए हैं। धीरे चलें, दुर्घटना बाहुल्य इलाका है, सावधानी हटी- दुर्घटना घटी जैसे स्लोगन लगे बोर्ड हादसे को रोकने के लिए लगाए गए हैं। कई स्थानों पर स्पीड को नियंत्रित करने के लिए ब्रेकर बनाए गए हैं।
सड़क हादसे रोकने के लिए जागरूकता बेहतर उपाय है। चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट के पास दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र होने का बोर्ड लगा है। इन स्थानों के आसपास स्थित गांव में कैंप लगाकर आम लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी। जिससे सड़क हादसे में कमी लाई जा सके। यातायात नियम जान की सुरक्षा के लिए ही बने हैं। - आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक