Move to Jagran APP

World Brain Tumor Day 2021: आंखों की रोशनी छीन सकता है ब्रेन ट्यूमर, समय रहते हो जाएं सावधान

World Brain Tumor Day 2021 ब्रेन ट्यूमर का यदि समय से इलाज नहीं किया गया तो यह काफी घातक हो सकता है। यदि इसे नजरअंदाज किया और समय रहते इलाज शुरू नहीं हुआ तो आंखों की रोशनी जा सकती है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 07:40 PM (IST)
World Brain Tumor Day 2021: आंखों की रोशनी छीन सकता है ब्रेन ट्यूमर, समय रहते हो जाएं सावधान
ब्रेन ट्यूमर सोचने-समझने की शक्ति व आंखों की रोशनी छीन सकता है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। World Brain Tumor Day 2021: ब्रेन ट्यूमर का यदि सही इलाज नहीं किया गया तो यह काफी घातक हो सकता है। इसका लक्षण दिखते ही सचेत हो जाने की जरूरत है, अन्यथा आपकी आंखों की रोशनी छीन सकता है। ज्यादा गंभीर स्थिति होने पर मरीज की मौत भी हो जाती है। यादाश्त कमजोर हो, आंखों से धुंधला दिखाई पड़े तो इसे नजरअंदाज न करें।

loksabha election banner

यादाश्त कमजोर या आंखों से धुंधला दिखाई पड़ने पर हो जाएं सतर्क

न्यूरोलाजिस्ट डा. अनुराग सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष आठ जून को लोगों को इस बीमारी से जागरूक करने के लिए पूरे विश्व में ब्रेन ट्यूमर दिवस बनाया जाता है। पूर्वांचल में ब्रेन ट्यूमर के साधारण व गंभीर दोनों तरह के मामले मिल रहे हैँ। लेकिन इसमें ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जिनका दवाओं से इलाज हो जाता है। फिर भी सतर्कता बहुत जरूरी है। देर से इस बीमारी का पता चलने पर आपरेशन कराना पड़ता है। उसके बाद यदि ट्यूमर खत्म भी हो जाए तो आंखों की रोशनी जा सकती है। अनेक मरीजों की मौत भी हो जाती है।

क्या है ब्रेन ट्यूमर

न्यूरो सर्जन डा. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर घातक हो सकता है अगर समय रहते इसके संकेतों को न समझा जाए। इसके लक्षण इतने सामान्य हैं कि लोग इसे सामान्य बीमारी समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। इस बीमारी में मस्तिष्क में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं। इससे दिमाग में गांठ बन जाती है। उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उससे आसपास के ऊतकों में ही शुरू होता है।

लक्षण

बच्चों की नजर कमजोर हो जाती है।

चलने-फिरने में दिक्कत होने के साथ ही दौरे पड़ सकते हैं।

व्यस्कों में सिरदर्द व उसका धीरे-धीरे गंभीर हो जाना।

शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस होना।

व्यस्कों व बुजुर्गों में यादाश्त का कमजोर होना या चले जाना।

आंखों की रोशनी कम होना।

कम सुनाई देना।

सोकर उठने पर सिरदर्द या उल्टी हो सकती है।

यदि ब्रेन ट्यूमर की पहचान शुरुआत में हो जाए तो 90 फीसद मामलों का इलाज संभव है। आधुनिक तकनीकों के आ जाने से ब्रेन ट्यूटर का इलाज अब आसान हो गया है। पहले ब्रेन ट्यूमर का मरीज तीन-चार साल जीवित रहता था। अब 10-20 से साल से अधिक समय तक जीवित रहते हैं। - डा. राकेश सक्सेना, न्यूरो सर्जन, बीआरडी मेडिकल कालेज।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.