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कर बहिया बल आपनी, छोड़ पराई आस..

कुआनो नदी के कछुआड़ घाट पर बांस का पुल बनाने में जुटे ग्रामीण हर साल नदी पर आपसी सहयोग से तैयार किया जाता अस्थाई पुल

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 11:02 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 11:02 PM (IST)
कर बहिया बल आपनी, छोड़ पराई आस..
कर बहिया बल आपनी, छोड़ पराई आस..

जागरण संवाददाता,रखौना, बस्ती: कर बहिया बल आपनी, छोड़ पराई आस की कहावत कुदरहा विकास खंड में गोनार ग्राम पंचायत के ग्रामीण चरितार्थ कर रहे हैं। सरकार की ओर से कुआनो नदी पर अब तक पक्का पुल न बनाए जाने से निराश ग्रामीणों ने आवागमन के लिए खुद बांस-बल्ली का पुल बनाने का निर्णय लिया और इस काम में वे पूरी तल्लीनता के साथ जुट भी गए हैं।

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19 नवंबर 2004 को घर लौटते समय स्कूली बच्चों से भरी नाव कुआनो नदी के कछुआड़ घाट पर डूब गई थी। इस दौरान गोनार ग्राम पंचायत के तीन बच्चे शिवपाल, नीरज व शिवकुमार की मौत हो गई थी। इसके बाद से गांव के लोग लगातार 17 वर्ष से घाट पर पक्के पुल के निर्माण की मांग कर रहे हैं। चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों से कहा जाता है कि सरकार बनने के बाद उनकी मांग को पूरा कर दिया जाएगा, मगर अब तक यह महज चुनावी वादा ही साबित हुआ है। हर वर्ष की तरह एक बार फिर ग्रामीण बांस-बल्ली का पुल बनाने में जुट गए हैं।

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दो दर्जन गांवों को जोड़ता है कछुआड़ घाट

कुआनो नदी के कछुआड़ घाट से गोनार, रोवागोवा, चंदरपुर, तुलसीपुर, अमरौना, माधोपुर, सिल्लो, विजवलिया, कड़सरी सहित दो दर्जन गांव के लोगों का बस्ती शहर व आस पास के बाजारों में आना जाता होता है। बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे कुआनो नदी के कछुआड़ घाट को पार कर स्कूल जाते हैं। प्रत्येक वर्ष गांव के लोग आपसी सहयोग से नवंबर- दिसंबर में बांस-बल्ली का पुल बनाते है। इस वर्ष भी ग्रामीणों ने बांस का पुल बनाना शुरू कर दिया। हर वर्ष 60-70 हजार रुपये लागत से अस्थाई पुल बनाया जाता है। यह सात से आठ माह तक ही उपयोग में आता है।

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जलस्तर बढ़ने पर टूट जाता है बांस बल्ली का पुल

हर साल जून जुलाई में जैसे ही नदी का जल स्तर बढ़ता है और जलकुंभी का दबाब पड़ता है अस्थाई बांस-बल्ली का पुल टूट जाता है। इसके बाद नदी पार करने का एक मात्र साधन नाव ही बचता है। कछुआड़ निवासी अनिल पाल, रोहित, बब्बन, गिरीश चंद्र पाल, रामकेश यादव का कहना है कि पक्का पुल बन जाता तो नदी में जोखिम भरा सफर नहीं करना पड़ता। ग्राम प्रधान अजीत पाल उर्फ डब्लू पाल ने बताया कि उनकी देखरेख में ग्रामीण आपसी सहयोग से बांस बल्ली के पुल बना रहे हैं। जनता से किया गया हर वादा पूरा होगा। जल्द ही कछुआड़ घाट पर पुल की सौगात मिलेगी। वह पक्का पुल निर्माण के लिए प्रयास में लगे हुए हैं। रवि सोनकर, विधायक, महादेवा


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