यूपी के एक और जिले का नाम बदलने की तैयारी, महर्षि वशिष्ठ के नाम से जाना जाएगा यह जिला
Basti District उत्तर प्रदेश के एक और जिले का नाम बदलने जा रहा है। अब पूर्वांचल के बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर करने की तैयारी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने राजस्व परिषद को प्रस्ताव भेजा है।
बस्ती, एसके सिंह। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के कुल गुरू महर्षि वशिष्ठ की धरती उनके नाम होगी। बस्ती का नाम बदलकर वशिष्ठनगर करने की कवायद तेज हो गई है। दो दिन पहले 26 मई को जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव फिर से जिला प्रशासन ने राजस्व परिषद को भेज दिया है। इस पर आने वाला खर्च अब सरकार नहीं बल्कि विभाग खुद वहन करेंगे। नाम बदलने में भारी भरकम खर्च का प्रस्ताव ही इसमें सबसे बड़ा रोड़ा था, जो अब दूर हो गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी घोषणा
दो साल पहले की बात है। इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदले जाने के बाद वर्ष 2019 में बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठनगर करने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती में खुले मेडिकल कालेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर करने की घोषणा की तो इसे और बल मिल गया। सांसद हरीश द्विवेदी, विधायक अजय सिंह और संजय प्रताप जायसवाल की पहल पर राजस्व परिषद ने जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव मांगा।
इस क्रम में 16 नवंबर 2019 को तत्कालीन जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन की ओर से यह प्रस्ताव भेजा गया। नाम बदलने के पर होने वाले व्यय के बारे में शासन ने जानकारी मांगी तो एक करोड़ का भारी भरकम खर्च बता दिया गया। जिससे यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई और यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।
जिला प्रशासन ने शासन को भेजा प्रस्ताव
प्रस्ताव के समर्थन में जिलाधिकारी की ओर से बताया गया था कि इंटनेट पर उपलब्ध विकीपीडिया के अवलोकन से यह विदित होता है कि पुरातन काल में मखौड़ा में राजा दशरथ द्वारा महर्षि वशिष्ठ की प्रेरणा से ही पुत्रेष्टि यज्ञ कराया गया था। इसके बाद राजा दशरथ के चारों पुत्रों श्रीराम,भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। इनके गुरुकुल में ही चारों भाइयों की प्रारंभिक शिक्षा हुई थी।
भगवान श्रीराम के कुल गुरू महर्षि वशिष्ठ का इस क्षेत्र में आश्रम होने के कारण पुरातनकाल में इसका नाम वशिष्ठी था। उपराेक्त के दृष्टिगत बस्ती जिले का नाम वशिष्ठनगर अथवा वशिष्ठी किए जाने में किसी प्रकार की कोई प्रशासनिक आपत्ति नहीं है। दरअसल यह नाम भगवान श्री राम के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ से लिया गया है। 1865 में इसे गोरखपुर से अलग करके बस्ती को जिला और वर्ष 1997 में मंडल बनाया गया।
जिले के सभी विभागों से सहमति प्राप्त करने के बाद बस्ती जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव दाे दिन पहले शासन को भेज दिया गया है। इस पर आने वाला खर्च अब विभाग खुद वहन करेंगे। - सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी बस्ती।