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बैरिया-सरया बांध का नहीं होगा निर्माण

गोरखपुर : बैरिया-सरया तटबंध निर्माण की उम्मीद पालकर बैठे बड़हलगंज इलाके के दर्जनों गांव व

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 06:00 AM (IST)
बैरिया-सरया बांध का नहीं होगा निर्माण
बैरिया-सरया बांध का नहीं होगा निर्माण

गोरखपुर : बैरिया-सरया तटबंध निर्माण की उम्मीद पालकर बैठे बड़हलगंज इलाके के दर्जनों गांव वालों को शासन ने जोरदार झटका दिया है। इस बांध को वित्तपोषित (धन आवंटन) करने से नाबार्ड के इन्कार करने के बाद अब सरकार ने इसकी बजाय वैकल्पिक प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही है। उधर, विधानसभा में इस विषय पर सवाल उठाने वाले विधायक विनय शंकर तिवारी ने प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद उसको निरस्त करने के औचित्य पर सवाल उठाया है।

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बड़हलगंज ब्लाक के जगदीशपुर समेत दर्जन भर गांव में बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए बैरिया-सरया तटबंध के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। बंधे के निर्माण की धनराशि नाबार्ड द्वारा स्वीकृत की जानी थी। चिल्लूपार विधायक ने पिछले दिनों विधानसभा में इसको लेकर सवाल उठाया था। उनका कहना था कि सिंचाई विभाग की तरफ से उचित कागजी कार्रवाई न किए जाने के कारण लेट-लतीफी हो रही है। विभागीय अधिकारियों द्वारा गोल-मोल उत्तर दिया जा रहा है, जिससे लोक महत्व की इस योजना में देरी हो रही है। बांध का निर्माण न हुआ तो हर साल की तरह किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो जाएगी। उन्होंने सरकार से इस बांध के निर्माण की मांग दोहराई थी।

विधायक के प्रश्न के जवाब में सरकार की तरफ से बताया गया कि बैरिया-सरया तटबंध निर्माण की परियोजना उत्तर प्रदेश बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थाई संचालन समिति की 2015 में हुई बैठक में सशर्त अनुमोदित की गई थी। इस परियोजना को वित्त पोषण के लिए नाबार्ड से अनुरोध किया गया था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2016-17 में नाबार्ड से परियोजना को लेकर वित्त पोषण स्वीकृत नहीं हुआ। वित्तीय वर्ष 2017-18 में नाबार्ड से वित्त पोषण कराने के क्रम में पता चला कि उक्त परियोजना में अधिक भूमि का अर्जन एवं मुआवजा निहित है। ऐसे में इस परियोजना के स्थान पर वैकल्पिक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। वर्जन

सरकार के बयान भ्रमित करने वाले : विधायक

चिल्लूपार विधायक विनय शंकर तिवारी ने बताया कि बैरिया-सरया तटबंध पर सरकार के जवाब भ्रमित करने वाले हैं। बाढ़ में विलीन हो चुके जगदीशपुर गांव को पुनस्र्थापित कराने की योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया था कि इस पूरे क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए बैरिया-सरया तटबंध परियोजना को नाबार्ड में वित्त पोषण के लिए भेजा गया है। इसके बाद दूसरे सवाल के जवाब में सरकार ने ही बताया कि इस परियोजना में भूमि का अधिक अर्जन और मुआवजा निहित है, ऐसे में इसकी जगह वैकल्पिक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। दोनों जवाब एक दूसरे के विपरीत हैं, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।


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