छोटी स्कीमों के जरिये बाजार व कारोबार को आक्सीजन दे रहा बैंकिंग सेक्टर Gorakhpur News
बाजार को रफ्तार देने की बैंकों ने कवायद शुरू कर दी है। ऋण में ग्राहकों को छह माह की किश्त जमा करने की छूट सरकार ने पहले से ही दे रखी है। अब बैंक आकर्षक ऋण स्कीमों के जरिये बाजार व कारोबार को रफ्तार देने में जुटे हैं।
प्रभात कुमार पाठक, गोरखपुर। कोरोना काल में पटरी से उतरे बाजार को रफ्तार देने की बैंकों ने कवायद शुरू कर दी है। ऋण में ग्राहकों को छह माह की किश्त जमा करने की छूट सरकार ने पहले से ही दे रखी है। अब बैंक आकर्षक ऋण स्कीमों के जरिये बाजार व कारोबार को रफ्तार देने में जुटे हैं। जनपद में अब तक बैंकों द्वारा उद्योगों को राहत देने के उद्देश्य से 161.10 करोड़ के टर्म लोन स्वीकृत किए गए हैं, जिससे उद्योग जगत को राहत मिलने की उम्मीद है।
बैंकों में जमा और ऋण की स्थिति पर नजर डालें तो जनपद में 30 जून तक जहां 11403.92 कराेड़ ऋण दिए गए हैं वहीं 28076.19 करोड़ की धनराशि जमा हुई है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने उद्यमियों को तत्काल पांच करोड़ तक के ऋण देने की योजना चला रखी है। इसके तहत बैंक द्वारा वर्तमान लाभार्थियों को इस वर्ष 29 फरवरी को बकाया कुल राशि का 20 फीसद अतिरिक्त राशि का ऋण दिया जाएगा। यह योजना एनपीए खातों में पर लागू नहीं होगी। हाल ही में कोविड-19 के मद्देनजर चुनौतियों से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था में जान फूंकने हेतु केंद्र सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक ने विभिन्न उपायों की घोषणा की थी, जिसके तहत एसबीआई ने यह योजना शुरू की है।
पर्सनल व कंजूमर लोन को बढ़ावा दे रही एसबीआई
एसबीआई पर्सनल व कंजूमर लोन को बढ़ावा दे रहा है, जिससे लोगों में खरीदारी की क्षमता विकसित हो सके। बैंक इसके लिए अपने खाता धारकों को प्री-एप्रूव पर्सनल लोन भी दे रहा है, जो बिना किसी कागजी कार्रवाई के आसानी से उपलब्ध हो जाता है। स्टेट बैंक प्रत्येक जनपद में एसएमई विशेषीकृत शाखा संचालित कर रहा है, जिससे सभी उद्यमियों व व्यापारियों को आसानी ऋण उपलब्ध हो सके। बाजार व कारोबार को गति देने के लिए बैंक द्वारा कई आकर्षक ऋण स्कीम शुरू की गई हैं, जिससे अधिक से अधिक उद्यमी व व्यापारी लाभान्वित हो रहे हैं। - पीसी बरोड़, डीजीएम, एसबीआई
छोटे व्यापारियों को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना के अंतर्गत पटरी व्यवयासियों, ठेला व खोंमचा वाले जो नगर निगम में पंजीकृत है को दस हजार प्रति वेंडर ऋण दी जा रही हैं। अब तक बैंक द्वारा तीन हजार आवेदन पत्र स्वीकृत किए जा चुके हैं। कोरोना के कारण ग्राहकों द्वारा ऋण भुगतान में समस्या आई है। यदि कोई ग्राहक छह माह का ब्याज एक मुश्त नहीं दे पा रहे हैं, वह किश्तों में दे सकते हैं। इसके लिए बैंक ने उन्हें सहूलियत दी है। रही बात एनपीए की तो इसका ब्योरा तैयार किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में एनपीए बढ़ने की संभावना है। -भोला प्रसाद, डीजीएम, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
ऋण वसूली व ऋण वितरण उम्मीद के विपरित हुई है। कोरोना के दौरान सामान्य बैंकिंग गतिविधि कोई खास प्रभावित नहीं हुई। लघु व मझोले उद्योग को मिलने वाले ऋण वितरण को लेकर दिसबंर तक का लक्ष्य पूरा हो चुका है। कृषि ऋण भी वितरित किया गया है। कोरानाकाल में बैंकों का टर्नओवर जरूर प्रभावित हुआ है। बाजार को गति देने के लिए बैंक ऋण स्कीम लाए हैं। जिस सेक्टर में ऋण की जरूरत है, आवेदन करने पर दिया जा रहा है। रिटेल, कृषि, स्ट्रीट वेंडर में लघु व मझोले उद्योग को ऋण दिया जा रहा है। - अजित कुमार झा, डीजीएम, इंडियन बैंक
कोरोनाकाल में सरकार के निर्देश के क्रम में 50 फीसद आर्थिक पैकेज व्यवसाय व उद्योग जगत को उपलब्ध कराया गया। इसके तहत जनपद में बैंकों द्वारा 161.10 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। नए व्यवसाय शुरू करने के लिए अब तक 37402 लोगों को ऋण दिए जा चुके हैं। इसके तहत जिले में 262.60 करोड़ के ऋण स्वीकृत व 233.61 करोड़ के ऋण वितरित किए जा चुके हैं। - रामअधार सोनकर, मुख्य प्रबंधक, लीड बैंक।