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सड़क किनारे करंट से मिलेगी मुक्ति, बिजली की कटौती होगी कम Gorakhpur News

नए उद्योगों की स्थापना और कई नई योजनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए थे। गोला में 220 केवी पारेषण उपकेंद्र की शुरुआत के बाद दक्षिणांचल की बिजली व्यवस्था ठीक हुई है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 07:20 AM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 09:52 AM (IST)
सड़क किनारे करंट से मिलेगी मुक्ति, बिजली की कटौती होगी कम Gorakhpur News
बिजली विभाग से संबंधित प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। शहर में सड़क किनारे करंट लगने के मामले अब खत्म हो जाएंगे। बांस-बल्ली के सहारे दौड़ रहे केबल कई जगह कट जाने से आए दिन राहगीर करंट की चपेट में आते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हजारों नागरिकों की समस्या दूर होगी। शहर में 220 केवी क्षमता का पारेषण उपकेंद्र पहली बार बनेगा। बिछिया और दिव्यनगर में दो उपकेंद्रों की सौगात देकर मुख्यमंत्री ने इन इलाकों के नागरिकों को बड़ी राहत दी है। शाम होते ही इन इलाकों में लो वोल्टेज और कटौती की समस्या बढ़ जाती है।

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एयरपोर्ट, मेट्रो स्टेशन, फर्टिलाइजर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान आदि के साथ ही शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है। सड़कों के संजाल को देखते हुए बाहर के उद्यमी भी गोरखपुर की ओर आकर्षित हो रहे हैं। नए उद्योगों की स्थापना और कई नई योजनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए थे। गोला में 220 केवी पारेषण उपकेंद्र की शुरुआत के बाद दक्षिणांचल की बिजली व्यवस्था ठीक हुई थी। इसके बाद खजनी और शहर की बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने की तैयारी शुरू हुई।

जनवरी 21 में पूरा हो जाएगा काम

मुख्यमंत्री जिन सात कार्यों का शिलान्यास करेंगे उनमें बांस-बल्ली की जगह पोल व तार लगाने का कार्य हर हाल में 31 दिसंबर 2020 तक पूरा कर लेना है। दिव्यनगर और बिछिया में उपकेंद्रों का निर्माण 15 जनवरी 2021 तक पूरा हो जाएगा। खजनी में पारेषण उपकेंद्र का निर्माण कार्य 31 जनवरी 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसके अलावा मोहद्दीपुर प्रथम पारेषण उपकेंद्र, गीडा पारेषण उपकेंद्र और मोतीराम अड्डा द्वितीय पारेषण उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि का कार्य 31 जनवरी 2021 तक पूरा हो जाएगा। बताते हैं कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ इस कार्य को इसी साल पूरा करने पर बल दे रहे हैं। गोरखपुर जैसे शहर में बांस बल्‍ली के सहारे बिजली तार देखकर लोग परेशान होते रहे। मुख्‍यमंत्री का गृह नगर होने के नाते इस कार्य को बहुत पहले ही पूरा होना जाना चाहिए। बिजली निगम की तरफ से यदि समय पर पहल किया गया होता तो गोरखपुर शहर से बांस बल्‍ली हट गया होता। बताते हैं कि मुख्‍यमंत्री की प्राथमिकता में यह कार्य शामिल है।


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