'एवरेज' है बिल तो झटका लगना तय
गोरखपुर: यह दो केस उदाहरण हैं। यदि आप भी मीटर रीडरों के भरोसे हैं तो चेत जाएं। म
गोरखपुर: यह दो केस उदाहरण हैं। यदि आप भी मीटर रीडरों के भरोसे हैं तो चेत जाएं। मीटर रीडर जो बिल दे रहा है उसकी फिर से जांच कर लें। हर मीटर में रीडिंग की पूरी जानकारी होती है और मीटर के ऊपर लगे बटन को दबाकर रीडिंग देखी जा सकती है। कई मीटर रीडर घर बैठे मशीन में कम रीडिंग भर दे रहे हैं और बिल सिस्टम में फीड कर दे रहे हैं। सिस्टम से बिल तो बन जा रहा है लेकिन साथ में सिस्टम उस कनेक्शन को एवरेज या आरडीएफ कर दे रहा है। इसका खामियाजा बाद में उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ रहा है।
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यह है तो तत्काल चेत जाएं
आप के बिजली के बिल यह इन बातों का जरूर ध्यान दें
स्टेटस- यदि स्टेटस के सामने दो जगह ओके लिखा है तो बिल ठीक है, लेकिन यदि एक जगह ओके है और दूसरी जगह आरडीएफ, एडीएफ लिखा है तो तत्काल संबंधित क्षेत्र के एसडीओ से संपर्क करें।
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किलोवाट यूनिट
- बिल में किलोवाट यूनिट और बिल्ड यूनिट एक ही होना चाहिए। किलोवाट यूनिट यदि एक हजार है और बिल्ड यूनिट इससे अलग है तो गलत है।
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बिल बेसिक
यह सबसे महत्वपूर्ण प्वाइंट है। इसके आगे नार्मल लिखा होना चाहिए। यदि एवरेज है तो एसडीओ से मिलें
प्रीवियस मीटर स्टेटस- यहां ए यानी एक्टिव होना चाहिए। यदि एफ लिखा है तो इसका मतलब स्टेटस फाल्ट है। इसे ठीक कराना चाहिए।
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ऐसे परेशान हो रहे उपभोक्ता
रुस्तमपुर निवासी एजाज अहमद के पिता के नाम से दो किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है। उनका पिछले कई महीने से 77 यूनिट बिल आता था, और वह जमा कर देते थे। अचानक बिजली निगम ने उन्हें 65 हजार रुपये का बिल थमा दिया। परेशान एजाज ने पता लगाया तो बताया गया कि काफी समय से एवरेज में बिल आ रहा था। इसे ठीक किया गया है।
इसी तरह मोहद्दीपुर के राजेश के हर महीने बिजली का बिल जमा करते हैं। मीटर रीडर घर आता है और रीडिंग देखकर बिल निकालकर देता है। इसके बाद भी राजेश के पास फरवरी महीने में तकरीबन 30 हजार का बिल आया तो वह परेशान हो गए। अफसरों से बात की तो पता चला कि काफी समय से एवरेज पर बिल बन रहा था। किसी तरह बचा पैसा जमा कर राजेश ने खुद को बकायेदार की लिस्ट से अलग किया।
पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अतुल निगम ने कहा कि बिल में गड़बड़ी न हो इसके लिए अफसरों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को भी गड़बड़ियों पर नजर रखनी चाहिए। यदि कुछ गड़बड़ लग रहा है तो एसडीओ या अधिशासी अभियंता से संपर्क कर इसे दुरुस्त करा लें। उपभोक्ताओं को कोई असुविधा न हो इसके लिए लगातार बिल ठीक कराए जा रहे हैं।