गोरखपुर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए पर्याप्त आक्सीजन की व्यवस्था Gorakhpur News
कोरोना की पहली लहर में जब मरीजों की संख्या बढ़ी तो जिले में आक्सीजन की कमी हो गई थी। उस समय भी मोदी गैस ने गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में आपूर्ति जारी रखी थी। देश के कई शहरों में जहां आक्सीजन सिलेंडर की कीमत बढ़ गई थी।
गोरखपुर, जेएनएन। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर गोरखपुर तैयार है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में उद्यमी प्रवीण मोदी की मेडिकल आक्सीजन तैयार करने की दो यूनिटें हैं और इसमें प्रतिदिन करीब 1600 बड़े आक्सीजन सिलेंडर तैयार किया जा रहा है। ये सिलेंडर गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में आक्सीजन की मांग पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।
कोरोना की पहली लहर में जब मरीजों की संख्या बढ़ी तो जिले में आक्सीजन की कमी हो गई थी। उस समय भी मोदी गैस ने गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में आपूर्ति जारी रखी थी। देश के कई शहरों में जहां आक्सीजन सिलेंडर की कीमत बढ़ गई थी, वहीं गोरखपुर में पुरानी कीमत पर भी सिलेंडर दिया जा रहा था। मोदी गैस की ओर से मेडिकल कालेज के साथ ही कई निजी चिकित्सालयों को भी आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में प्रतिदिन करीब 1500 सिलेंडर की जरूरत है। गीडा स्थित मोदी गैस की एक इकाई में आक्सीजन तैयार किया जाता है। जबकि दूसरी इकाई में बाहर से लिक्विड आक्सीजन मंगाकर सिलेंडर में भरा जाता है। लिक्विड आक्सीजन मंगाने के लिए टैंकर मिल पाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में इकाई की ओर से एक टैंकर भी मंगाया गया है। टैंकर के भीतर माइनस 194 डिग्री तापमान होता है।
बाहर से भी आ रही मांग
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना का प्रसार काफी तेजी से हो रहा है। वहां के कुछ निजी अस्पतालों ने गोरखपुर में मोदी गैस से आक्सीजन की आपूर्ति करने को कहा है लेकिन गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्रों की जरूरत को देखते हुए अभी उन अस्पतालों को कोई आश्वासन नहीं मिल सका है।
घर पर भी आक्सीजन सिलेंडर ले जा रहे लोग
कोरोना पाजिटिव आने के बाद बड़ी संख्या में लोग स्वयं को होम आइसोलेट कर रहे हैं। सांस की समस्या होने पर आक्सीजन उपलब्ध रहे, इसके लिए आक्सीजन का छोटा सिलेंडर घर ले जा रहे हैं। उद्यमी प्रवीण मोदी के अनुसार प्रतिदिन 20 से 25 लोग छोटा सिलेंडर ले जा रहे हैं। उद्यमी प्रवीण मोदी का कहना है कि कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में मेडिकल आक्सीजन की जरूरत है। मेरी दोनों इकाइयों में आक्सीजन सिलेंडर तैयार किया जा रहा है। मांग भले बढ़ी है लेकिन इस बार भी कीमत में इजाफा नहीं किया गया है। बाहर से भी मांग की गई है लेकिन अभी उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।