इस कार का चालान कटते ही हुआ कुछ ऐसा कि सकते में आ गई पुलिस, जानें- क्या है मामला
गोरखपुर में पुलिस को एक ही नंबर की दो कारें मिली हैं। नो पार्किंग में चालान कटने पर इसकी जानकारी हुई। कार मालिक ने एसपी ट्रैफिक को बताया कि उनकी मारुति जेन कार घर पर खड़ी थी जिसका शहर में सीट-बेल्ट न बांधने पर चालान कट गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। एक नंबर की दो कार चल रही है। नो पार्किंग में चालान कटने पर इसकी जानकारी हुई। महराजगंज जिले के रहने वाले गाड़ी मालिक ने एसपी ट्रैफिक कार्यालय को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी मारुति जेन कार घर पर खड़ी थी, जिसका शहर में सीट-बेल्ट न बांधने पर चालान कट गया है। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उन्हें जानकारी हुई। छानबीन करने पर मालूम हुआ कि उसी नंबर की दूसरी कार है।
महराजगंज जिले के रहने वाले गाड़ी मालिक ने की शिकायत
महराजगंज जिले के श्यामदेउरवा थानाक्षेत्र स्थित राजपुर गांव निवासी शंभू सिंह के पास मारुति जेन कार नंबर यूपी 53 एक्स 8487 है। उन्होंने बताया कि उनकी कार लगभग एक सप्ताह से गैराज में खड़ी है। मंगलवार को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि गोरखपुर में बिना सीट बेल्ट बांधे कार चलाने पर एक हजार रुपये का चालान कट गया। बुधवार को भटहट चौकी पर पहुंचकर उन्होंने मामले की जानकारी दी। वहां से उन्हें एसपी ट्रैफिक कार्यालय भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि कोई उनकी गाड़ी का नंबर ब्लेट लगाकर कार चला रहा है। एसपी ट्रैफिक आरएस गौतम ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी।
ट्रेनिंग सेंटर से मांगी गई दारोगा के प्रशिक्षण की जानकारी
गोरखपुर जिले में तैनात 144 दारोगा को जूनियर बनाए जाने के मामले में एसएसपी कार्यालय से गड़बड़ी नहीं हुई है। यह गड़बड़ी किससे और कहां हुई यह जानने के लिए ट्रेङ्क्षनग सेंटर से जानकारी मांगी गई है। एसएसपी के अनुसार पीएनओ का निर्धारण तकनीकि विभाग से होता है। गड़बड़ी मिली तो फाइल तकनीकि सेवा विभाग लखनऊ को भेजी जाएगी।
एसएसपी कैंप कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि जिले में आमद होने पर बायोडाटा संबंधित प्रारूप में सूचना दारोगा से ही भरवाकर तकनीकी सेवा विभाग लखनऊ को भेजी गयी थी। जिसके आधार पर पीएनओ नंबर आवंटित किया गया है। पीएनओ आवंटन की प्रक्रिया तकनीकी सेवा उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा ही संपादित की जाती है। जिला स्तर पर दारोगा का पीएनओ आवंटित नहीं किया जाता है। गोरखपुर में तैनात दारोगा के सेवाभिलेख से स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि उन्होंने प्रशिक्षण सेंटर में प्रशिक्षण कब प्राप्त किया। पुलिस ट्रेनिंंग सेंटर सीतापुर, मुरादाबाद और उन्नाव से पत्राचार कर जानकारी मांगी गई है। सूचना के अनुसार पीएनओ के संबंध में निर्धारित बायोडाटा तैयार कर पुलिस अधीक्षक तकनीकी सेवा उत्तर प्रदेश लखनऊ भेजा जाएगा।