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ARTO की गिरफ्तारी ; 36 हजार कॉल डिटेल से खुलेगा ट्रक ओवरलोडिंग नेटवर्क का राज Gorakhpur News

शासन के निर्देश पर एसटीएफ तीन माह पहले से ट्रक ओवरलोडिंग गिरोह पर नजर रख रही थी। इस दौरान नेटवर्क से जुड़े कई सदस्यों का फोन नंबर उसने सर्विलांस पर ले रखा था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 02:02 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 02:02 PM (IST)
ARTO की गिरफ्तारी ; 36 हजार कॉल डिटेल से खुलेगा ट्रक ओवरलोडिंग नेटवर्क का राज Gorakhpur News
ARTO की गिरफ्तारी ; 36 हजार कॉल डिटेल से खुलेगा ट्रक ओवरलोडिंग नेटवर्क का राज Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। ओवरलोड ट्रकों को पार कराने वाले गिरोह का नेटवर्क जितना बड़ा है, उसकी जड़ें उतनी ही गहरी हैं। एसआइटी (विशेष जांच दल) इस नेटवर्क का परत दर परत खोलने में जुटी है। छानबीन में पता चला है कि नेटवर्क संचालकों के छह बैंक खातों में रुपये आते थे। इन्हीं खातों से आरटीओ अधिकारियों और कर्मचारियों को रुपये भी भेजे जाते थे। एसआइटी, इन खातों से हुए लेनदेन और संचालकों के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल की मदद से नेटवर्क से जुड़े दूसरे लोगों का पता लगने की कोशिश में जुटी है। इसके लिए संचालकों के फोन नंबर की एक साल की 36 हजार कॉल डिटेल और छह बैंक खातों से एक साल में हुए लेनदेन का विवरण खंगाला जा रहा है।

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कॉल रिकार्डिंग से भी बेनकाब होंगे चेहरे

शासन के निर्देश पर एसटीएफ तीन माह पहले से ट्रक ओवरलोडिंग गिरोह पर नजर रख रही थी। इस दौरान नेटवर्क से जुड़े कई सदस्यों का फोन नंबर उसने सर्विलांस पर ले रखा था। उनकी बातचीत भी रिकार्ड की गई है। इस बातचीत में नेटवर्क से जुड़े कई लोगों के नाम आए हैं। एसटीएफ ने यह सारी रिकार्डिंग एसआइटी को सौंप दी है। एसआइटी के सदस्य एक-एक रिकार्डिंग को सुन रहे हैं और बातचीत में जिनके नाम आ रहे हैं, उनकी गतिविधियों और वास्तविक आर्थिक स्थिति का पता लगा रहे हैं। ताकि उन पर भी कार्रवाई की जा सके।

पूर्ववर्ती सरकारों के माननीयों तक पहुंचेगी जांच की आंच

अभी तक की छानबीन में पता चला है कि ओवरलोड ट्रकों को पार कराने वाले गिरोह के तार पूर्ववर्ती सरकारों के कुछ माननीयों से भी जुड़े थे। अवैध वसूली की रकम उनके पास भी पहुंचती थी। यह तथ्य सामने आने के बाद जांच की आंच पूर्ववर्ती सरकारों के उन माननीयों तक पहुंचनी तय मानी जा रही है।

वाट्सएप मैसेज के जरिए संचालित होता था नेटवर्क

जिस ट्रक को पार कराने का जिम्मा यह गिरोह लेता था, वाट््सएप मैसेज के जरिए इसकी सूचना नेटवर्क से जुड़े आरटीओ अधिकारियों और कर्मचारियों को भेज दिया जाता था। इसके लिए अलग से वाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इसी ग्रुप पर ट्रक का नंबर डाल दिया जाता था। नंबर देखकर उन ट्रकों को किसी जिले में रोका नहीं जाता था। इस वाट्सएप ग्रुप में 21 जिलों के एआरटीओ, पीटीओ, आरटीओ सिपाही और दलाल जुड़े थे।

ट्रक ऑपरेटरों को पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी

नेटवर्क संचालक धर्मपाल सिंह के मधुबन होटल से एसटीएफ ने कई दस्तावेज कब्जे में लिया था। इसमें उन ट्रकों के नंबर भी मिले हैं, जिनके ऑपरेटर ओवरलोड ट्रक पार कराने के लिए रुपये जमा करते थे। ट्रक नंबरों की मदद से उनके ऑपरेटरों का नाम, पता मालूम कर पूछताछ के लिए उन्हें बुलाने की तैयारी की जा रही है।

यह है मामला

एसटीएफ की गोरखपुर इकाई ने आरटीओ अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलीभगत कर ओवरलोड ट्रकों को चलवाने वाले गिरोह का 24 जनवरी को भंडाफोड़ किया था। इस मामले में बेलीपार क्षेत्र स्थिति मधुबन होटल के मालिक व बेलीपार के मेहरौली निवासी धर्मपाल सिंह, सिब्बू ढाबा के मालिक मनीष सिंह उर्फ सिब्बू, विवेक सिंह उर्फ सिक्कू, श्रवण गौड़, रामसजन और देवरिया जिले के कपरवारघाट निवासी शैलेष मल्ल गिरफ्तार किए गए थे। इनके पास से 12 मोबाइल फोन, 28400 रुपये नकद, 35 डायरी व रजिस्टर, जिसमें नेटवर्क से जुड़े एआरटीओ/पीटीओ, सिपाहियों व दलालों के नाम व फोन नंबर, लेनदेन का हिसाब और विभिन्न बैंकों का खाता नंबर लिखा हुआ था। इसके अलावा अलग-अलग जनपदों के 6000 ट्रकों की सूची, गाड़ी नंबर, एटीएम कार्ड, कई चालकों के नाम और मोबाइल नंबर भी लिखे गए थे। मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी ने गोरखपुर से बस्ती और संतकबीरनगर के एआरटीओ/पीटीओ को गिरफ्तार किया था।

गैंग सरगना धर्मपाल सहित उसके साथ गिरफ्तार किए गए छह आरोपितों के बैंक की डिटेल मंगाई गई है। उनके मोबाइल फोन की एक साल की कॉल डिटेल भी देखी जा रही है। बहुत जल्दी इस मामले में बड़ी कार्रवाई की जाएगी। - सुमित शुक्ला, सीओ कैंट व एसआइटी प्रभारी। 


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